टाइफाइड क्या है इसके बचाव ,लक्षण और कारण
टाइफाइड एक प्रकार का बुखार है जो समान्य बुखार से थोडा सा अलग है यह बुखार ऐसा है जिसका प्रभाव एक से दो माह तक भी रह सकता है टाइफाइड बुखार को मोतीझरा या मियादी बुखार भी कहते हैं और यह बुखार साल्मोनेला टाइफी (Salmonella typhi) बैक्टीरिया के कारण होता है
यह बैक्टीरिया दूषित भोजन, पेय या पानी के साथ शरीर में चले जाते है और शरीर में इन्फेक्शन कर देते है और टाइफाइड का इन्फेक्शन होने के एक सप्ताह बाद रोग के लक्षण नजर आने लगते हैं।
और इसमें कभी समान्य बुखार नही होती है यह कभी ज्यादा हो जाता है कभी कम होती है और बहुत दिनों तक रहती है और शरीर इतना कमजोर हो जाता है की कुछ करने और खाने पीने का मन नही करता है
इसलिए यह बुखार बहुत ज्यादा खतरनाक है आज यंहा आपको बतायेंगे की टाइफाइड क्यो होता है और इस से बचाव कैसे किया जा सकता है और टाइफाइड के घरेलू उपचार क्या क्या है |
टाइफाइड बुखार के लक्षण – Typhoid Fever Symptoms in Hindi
टाइफाइड का पता कम से कम 7 दिन में चलता है और यह बीमारी फिर कई दिनों तक ठीक नही होती है इसलिए इस बीमारी का समय से इलाज करवाना चाहिए यह बीमारी शरीर में कई लक्षण दिखाती है|
- टाइफाइड होने पर बिलकुल भी भूख नही लगती है और सारा दिन सिर भारी भारी रहता है |
- यदि टाइफाइड हुआ है तो कई बारी 104 डिग्री से ज्यादा बुखार हो जाता है |
- टाइफाइड होने पर लीवर में बहुत प्रभाव पड़ता है जिस से बहुत ज्यादा बीमारी हो जाती है |
- छाती में कफ जम जाता है पेट में दर्द और और पीड़ा भी होती है।
- टाइफाइड होने पर दस्त हो जाते है और सारा दिन आलस रहता है |
टाइफाइड बुखार के कारण – Typhoid Fever Causes in Hindi
टाइफाइड होने का सबसे बड़ा कारण साल्मोनेला टाइफी (Salmonella typhi) बैक्टीरिया है इसी के कारण ही टाइफाइड होता है जब साल्मोनेला टाइफी बैक्टीरिया शरीर में जाता है उसके 7 दिन बाद इसके लक्षण दिखाई देने लगते है
और साल्मोनेला टाइफी (Salmonella typhi) बैक्टीरिया बहुत जल्दी संक्रमण में आता है यदि साल्मोनेला टाइफी बैक्टीरिया से संक्रमित व्यक्ति मल त्यागने या पेशाब करने के बाद यदि अपने हाथों को नहीं धोता है
और भोजन को उसी हाथ से छूता है तो बैक्टीरिया भोजन में आ जाता है और अगर वो भोजन कोई दूसरा व्यक्ति खाता है तो वो व्यक्ति भी इसके बैक्टीरिया से संक्रमित हो जाता है इसलिए यह बीमारी ज्यादा खतरनाक है और इस से बचने के लिए अपने आप को अच्छे से साफ़ रखे और यदि घर में रोगी है उसका अच्छे से ध्यान रखे |
टाइफाइड बुखार से बचाव – Prevention of Typhoid Fever in Hindi
टाइफाइड एक ऐसी बुखार है जिसका समय से इलाज करवा लेना चाहिए क्योकि यह बुखार एक से दो महीने तक रह सकती है और समय रहते इलाज किया जाये तो जल्दी ठीक की जा सकती है टाइफाइड में अधिकांश मामलों का इलाज एंटीबायोटिक दवाओं द्वारा किया जाता है लेकिन यदि यदि हालत गंभीर तो हॉस्पिटल में भर्ती होने की आवश्यकता पड़ सकता है|
और सब समान्य है तो कुछ घरेलू उपाय भी कर सकते है क्योकि इस बीमारी के घरेलू इलाज भी बहुत ज्यादा है लेकिन वह सब समान्य स्थिति में काम करते है और बहुत सी बातो का ध्यान रखना पड़ता है जैसे खाने पीने और रहन सहन सब चीजो में बदलाव करना पड़ता है |
टाइफाइड में क्या खाएं – Food to eat in Typhoid Fever in Hindi
टाइफाइड होने पर खाने पीने की चीजो का बहुत ज्यादा ध्यान रखना पड़ता है इस बीमारी में हल्की चीजो का सेवन करना पड़ता है जो आसानी से पच जाये और को किसी प्रकार की कोई प्रॉब्लम न आये|
- टाइफाइड होने पर जूस और सूप सेवन कर सकते है
- टाइफाइड होने पर कम फाइबर वाले पदार्थ, धूलि हुई दाल, सॉफ्ट प्यूरी में अच्छी तरह से पकाई सबस्ज़ियाँ और उबला हुआ आलू सभी का सेवन कर सकते है|
- यदि टाइफाइड को हुए ज्यादा दिन हो गये है और अब ठीक होने लगरा है तो अंडे, पनीर, मछली और चिकन जैसे प्रोटीन प्रदान करने वाले पदार्थ का सेवन कर सकते है |
- दूध और दूध आधारित पेय का सेवन कर सकते है|
टाइफाइड में क्या नहीं खाना चाहिए – Food to avoid in Typhoid Fever in Hindi
टाइफाइड हुआ है तो ऐसे पदार्थ का सेवन नही करना चाहिए जो पचाने में बहुत ज्यादा समय और शरीर कठिनाई आये जैसेः
- तले हुए भोजन जैसे समोसे, पकोडे, लड्डू और हलवा का सेवन नही करना चाहिए|
- जिस चीज फाइबर की मात्रा ज्यादा है उनका सेवन नही करना चाहिए |
- कच्ची सब्जियां और फलो का सेवन नही करना चाहिए |
कुछ अन्य बातो का भी ध्यान रखना पड़ता है जैसेः-
- एक टाइफाइड बुखार के रोगी को अच्छे से ध्यान रखना चाहिए उसको व्यक्तिगत स्वच्छता बनाए रखनी चाहिए जैसे नियमित रूप से साबुन और गर्म पानी से अपने हाथों को धोना ताकि दुसरो को इस बीमारी से बचाया जा सके |
- टाइफाइड बुखार के रोगी को अच्छी तरह से आराम करना चाहिए किसी प्रकार का कोई काम नही करना चाहिए |
- समय समय पर डॉक्टर को चेक करवाना चाहिए |
टाइफाइड बुखार का इलाज – Typhoid Fever Treatment in Hindi
यदि ज्यादा दिन से बुखार है और कम नही होने लगरा है तो सबसे से पहले डॉक्टर के पास जाये और टाइफाइड बुखार का टेस्ट करवाए उसके बाद टाइफाइड बुखार के इलाज में एंटीबायोटिक दवाएं ले क्योकि इनसे अलग इसका कोई इलाज नही है और डॉक्टर की सलाह के बिना कोई भी घरेलू उपाय नही करना चाहिए क्योकि इस बीमारी के घरेलू उपाय बहुत होते है|
टाइफाइड के कारण अन्य बीमारी
Other diseases caused by typhoid in Hindi – टाइफाइड बुखार के बहुत सी अन्य बीमारी हो जाती है जैसेः
- टाइफाइड बुखार होने पर निमोनिया हो सकता है|
- अग्न्याशय में सूजन आ जाती है
- आपके मस्तिष्क और रीढ़ की हड्डी के आस-पास मौजूद मेम्ब्रेन और तरल पदार्थ का संक्रमण और सूजन हो जाती है |
- टाइफाइड बुखार ज्यादा दिन तक रहने से गुर्दा का संक्रमण या मूत्राशय का संक्रमण हो जाता है |
- हृदय और वाल्वों की अंधरुनि परत में सूजन आ जाती है |
- टाइफाइड बुखार में दिल की मांसपेशियों की सूजन आ जाती है |
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