डिप्थीरिया रोग क्या है इसके कारण लक्षण बचाव व उपचार

डिप्थीरिया रोग क्या है इसके कारण लक्षण बचाव व उपचार

वैसे तो दुनिया भर में अनेक जानलेवा बीमारियां लेकिन साधारण बीमारियों के मुकाबले में संक्रामक बीमारियां ज्यादा जानलेवा होती है और यह किसी भी इंसान को हो सकती हैं क्योंकि संक्रामक बीमारियां एक दूसरे व्यक्ति में आसानी से फैल जाती है जिससे कई बार संक्रामक बीमारियां महामारी का भी रूप ले लेती है.

इसका सबसे बड़ा उदाहरण कोरो ना वायरस भी है इसी तरह से डिप्थीरिया भी एक ऐसी ही संक्रामक बीमारी है जो कि ज्यादातर बच्चों में होती है तो आज किस ब्लॉग़ में हम इसी खतरनाक बीमारी के बारे में बात करेंगे इस ब्लॉग में हम इस बीमारी के लक्षण, कारण, बचाव व उपचार आदि के बारे में जानेंगे.

डिप्थीरिया रोग क्या है

What is diphtheria disease in Hindi – डिप्थीरिया रोग एक ऐसा खतरनाक संक्रामक रोग है जो कि ज्यादातर बच्चों को अपना शिकार बनाता है यह रोग बिल्कुल छोटे सूक्ष्म बैक्टीरिया के जरिए एक दूसरे इंसान में तेजी से फैलता है इस जीवाणु का नाम ‘कोर्नीबैक्टीरियम डिफ्थीरिया’ है

यह एक जानलेवा रोग है हालांकि इस रोग का इलाज संभव है इस रोग को आम भाषा में गलघोटू रोग भी कहा जाता है क्योंकि यह रोग सबसे पहले रोगी के गले में दस्तक देता है जिससे रोगी की गले में इंफेक्शन होने लगता है. फिर इस इंफेक्शन से रोगी के गले एक से परत बन जाती है

जिसके कारण रोगी को सांस लेने में भी दिक्कत होने लगती है कुछ समय बाद इस इस परत से जहर निकलने लगता है और फिर वह जहर खून के साथ मिल कर रोगी के मस्तिष्क और हृदय तक पहुंच जाता है जिससे रोगी की मौत होने का खतरा और भी ज्यादा बढ़ जाता है गले के बाद यह रोग धीरे धीरे रोगी की नाक गले व साँस नाली तक पहुंच जाता है

डिप्थीरिया रोग के कारण

Caused by diphtheria in Hindi – अगर डिप्थीरिया रोग के कारणों के बारे में बात की जाए तो इस बीमारी के फैलने के बहुत सारे कारण हो सकते हैं लेकिन इसका सबसे मुख्य कारण किसी संक्रमित व्यक्ति का छींकना, खासना या थूकना होता है

क्योंकि इन सभी से संक्रमित व्यक्ति के मुंह से निकलने वाले पानी के छींटे हवा में निकलते हैं और इन छींटे के साथ ही इस रोग को फैलाने वाले बैक्टीरिया भी बाहर निकलते हैं

जिससे स्वस्थ व्यक्ति के साँस लेने के साथ ही यह सभी बैक्टीरिया गले तक पहुंच जाते हैं इसके अलावा किसी संक्रमित व्यक्ति के द्वारा इस्तेमाल की गई चीजों का इस्तेमाल करना, संक्रमित व्यक्ति के साथ खाना, संक्रमित व्यक्ति की झूठी चीजों का सेवन करना,

संक्रमित व्यक्ति द्वारा किसी चीज को मुंह से छूना, संक्रमित व्यक्ति के आसपास लंबे समय तक रहना, ज्यादा भीड़भाड़ वाले इलाके में रहना, आपके आसपास कई ऐसे इंसानों का होना जिनको डिप्थीरिया रोग हाल ही में हुआ हो इन सभी चीजों के कारण यह रोग आसानी से आप तक पहुंच सकता है

डिप्थीरिया रोग के लक्षण

Symptoms of diphtheria disease in Hindi – अगर डिप्थीरिया रोग के लक्षणों के बारे में बात की जाए तो किस समस्या की शुरुआत में रोगी में कई लक्षण देखने को मिलते हैं क्योंकि यह रोग सबसे पहले रोगी की के गले में दस्तक देता है जिससे रोगी के गले में सूजन, दर्द व सांस लेने में तकलीफ होने लगती है

इसके अलावा रोगी को अचानक बार बार थूक आने लगता, है रोगी के गले सूखने लगते हैं, रोगी के गलों में इंफेक्शन हो जाता है, रोगी के शरीर में बेचैनी, थकावट व कमजोरी होती है, रोगी को सांस लेने में बोलने में दिक्कत होती है, रोगी को हल्का बुखार जुखाम होता है, रोगी को खाने पीने में तकलीफ होना, रोगी के मसूड़े फूलना, रोगी रोगी की लार टपकना,

रोगी को ठंड लगना, रोगी की धड़कन तेज होना, रोगी को गर्दन हिलाते समय दर्द होना, रोगी की त्वचा का रंग फीका पड़ना आदि इस समस्या के लक्षण होते हैं लेकिन इसके अलावा इस समस्या में रोगी को कोई और लक्षण देखने को मिल सकते हैं

बचाव

  • आपको संक्रमित व्यक्ति के पास जाते समय मुंह पर कपड़ा रखना चाहिए
  • आपको संक्रमित व्यक्ति के मुंह द्वारा छुई गई चीजों को हाथ नहीं लगाना चाहिए
  • आपको संक्रमित व्यक्ति के बिस्तर कपड़े व कुर्सी आदि को इस्तेमाल नहीं करना चाहिए
  • आपको संक्रमित व्यक्ति के साथ खाना नहीं खाना चाहिए
  • आपको अपने बच्चों के मुंह में हाथ, उंगली नहीं डालनी चाहिए
  • आपको संक्रमित व्यक्ति की झूठी चीजों का सेवन नहीं करना चाहिए
  • आपको अपने बच्चों को संक्रमित व्यक्ति से दूर रखना चाहिए या अपने बच्चों को मुंह से चूमना नहीं चाहिए
  • आपको अपने बच्चों को DTAP का टीका लगवाना चाहिए
  • आपको अपने बच्चों को डिप्थीरिया रोग की एंटीबायोटिक दवा देनी चाहिए

डिप्थीरिया रोग का उपचार

वैसे तो यह एक बहुत ही तेजी से फैलने वाली संक्रामक बीमारी है लेकिन इस बीमारी का उपचार भी संभव है इसके लिए आपको अपने बच्चों को DTAP का टीका लगवाना चाहिए यह टीका आपके बच्चों को 2 महीने से लेकर 6 साल तक के बीच पांच खुराक में दिया जाता है

इस टीके के साथ ही आपके बच्चे को काली खांसी और टिटनेस के टीके भी लगाए जाते हैं आपके इसलिए आपको अपने बच्चों को टीकाकरण जरूर करवाना चाहिए लेकिन फिर भी अगर आपके बच्चों या किसी बड़े में यह समस्या हो जाती है तब आपको अपने बच्चों को तुरंत डॉक्टर के पास ले जाना चाहिए

फिर डॉक्टर आपके गले में डिप्थीरिया रोग का टेस्ट करते हैं इसके लिए आपके नाक और गले दोनों के सैंपल लिए जाते हैं और फिर सबसे पहले आपको एंटीटॉक्सिन दवाई दी जाती है क्योंकि इस रोग के लंबे समय तक रहने पर इसके इंफेक्शन से जहर निकलने लगता है

और वह मस्तिष्क और हृदय तक पहुंचाता है उसके बाद में आपको एंटीबायोटिक दवाएं दी जाती है जिससे इस रोग का उपचार किया जाता है लेकिन फिर भी अगर आपके आसपास या आपके परिवार में किसी को भी डिप्थीरिया रोग हो जाता है तब उसको तुरंत डॉक्टर के पास जाना चाहिए क्योंकि लंबे समय तक इस रोग के रहने पर रोगी की मृत्यु भी हो सकती है

क्योंकि यह एक खतरनाक और जानलेवा रोग है इसलिए इस रोग के लक्षण दिखाई देते ही तुरंत डॉक्टर के पास जाना बहुत जरूरी है और जल्दी से जल्दी इलाज शुरु करवा देना चाहिए डिप्थीरिया के लक्षण और उपचार डिप्थीरिया के उपचार डिप्थीरिया रोग किस अंग में होता है

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