न्यूमोकोकल निमोनिया के कारण लक्षण उपचार व बचाव

न्यूमोकोकल निमोनिया के कारण लक्षण उपचार व बचाव

आज के समय में दुनिया भर में अनेक बीमारियां फैली हुई है जो की बहुत खतरनाक और जानलेवा बीमारी है हर साल पूरी दुनिया में इन बीमारियों से लाखों लोग अपनी जान गवा रहे हैं ऐसा नहीं है कि इन बीमारियों का इलाज संभव नहीं है

क्योंकि कई बार इन बीमारियों से रोगी इतना ज्यादा प्रभावित होता है कि उसको बचा पाना नामुमकिन होता है यह बीमारियां अलग-अलग प्रकार की होती है.

बच्चों में अलग प्रकार की बीमारियां पाई जाती है बड़ों में अलग प्रकार की बीमारियां पाई जाती है और बूढ़े लोगों में अलग प्रकार की बीमारियां होती है कई बीमारियां ऐसी है जो कि अलग-अलग प्रकार की होती है

इसी तरह से निमोकोक्स न्यूमोनिया भी एक ऐसी बीमारी है जो कि बच्चों में देखने को मिलती है यह एक जानलेवा बीमारी है तो आज किस ब्लॉग में हम निमोकोक्स न्यूमोनिया के बारे में ही बात करने वाले हैं इस ब्लॉग में हम आपको इस बीमारी से संबंधित पूरी जानकारी देंगे.

निमोकोक्स न्यूमोनिया

Pneumococcal pneumonia in Hindi – आप सभी ने निमोनिया रोग के बारे में तो सुना होगा लेकिन यह एक ऐसा रोग है जो कि अलग-अलग प्रकार का होता है निमोनिया रोग के कई भाग होते हैं जिनमें से निमोकोक्स न्यूमोनिया भी एक इसी बीमारी का भाग है जो कि ज्यादातर छोटे बच्चों में उत्पन्न होता है

जब यह रोग बच्चों में उत्पन्न होता है तब बच्चों के फेफड़ों में सूजन या इंफेक्शन हो जाता है जिससे बच्चों को सांस लेने में बहुत तकलीफ होती है और इससे बच्चों के शरीर में ऑक्सीजन की कमी हो जाने से कई अन्य समस्याएं उत्पन्न होने लगती है जब यह रोग बच्चों में उत्पन्न होता है

तब इससे बच्चों में हल्का बुखार, खांसी, सांस लेने में कठिनाई जुखाम व अन्य कई रोग उत्पन्न हो जाते हैं और यह रोग भी कई प्रकार का रोग होता है जिसको बैक्टीरियल निमोनिया, वायरल निमोनिया, फंगल निमोनिया, प्रोटोजोअल न्यूमोनिया, रिकेटसियल न्यूमोनिया
के नाम से जाना जाता है

और इन सभी के उत्पन्न होने के अलग-अलग कारण भी होते हैं लेकिन मुख्य रूप से इस रोग को दो भागों में बांटा गया जिसमें प्राथमिक निमोनिया और द्वितीयक निमोनिया शामिल हैं

प्राथमिक निमोनिया – अगर प्राथमिक निमोनिया के बारे में बात की जाए तो यह रोग एक विशेष संक्रामक जीवाणु न्यूमोकोक्काई (Pneumococci) के कारण फैलता है और इसमें इसके कुछ शुरुआती लक्षण भी दिखाई देने लगते हैं

द्वितीयक निमोनिया –अगर द्वितीयक निमोनिया के बारे में बात की जाए तो इस रोग में एच० एन्फ्लू एजी (H. Influenzae), स्ट्रेप० न्यूमोनाई (Sterp. Pneumoniae) नामक संक्रामक जीवाणु रोगी के स्वसन तंत्र को खराब करने का कारण बनता है

क्योंकि यह जीवाणु रोगी के सांस के द्वारा रोगी के फेफड़ों तक पहुंच जाते हैं और वहां रहकर यह जीवाणु अपनी संख्या को बढ़ा देते हैं और फिर इससे रोगी के फेफड़ों में सूजन उत्पन्न होने लगती है

न्यूमोकोकल निमोनिया के कारण

Causes of pneumococcal pneumonia in Hindi – वैसे तो इस समस्या के कारणों के बारे में इतनी ज्यादा जानकारी सामने नहीं आई है क्योंकि यह एक खतरनाक और महामारी जैसी बीमारी है रिपोर्ट के मुताबिक इस बीमारी से साल 2015 में लगभग 53 हज़ार बच्चों की मौत हो चुकी थी

और इस बीमारी में सबसे ज्यादा उन बच्चों की मौत हुई जिनके अंदर इम्यूनिटी पावर कम थी यानी जिन बच्चों की इम्युनिटी कमजोर होती है उनको यह रोग सबसे ज्यादा अपनी चपेट में लेता है यह एक ऐसा संक्रामक रोग है जो कि बच्चों के साँस के द्वारा शरीर में फैलता है और इससे संक्रमण होने पर बच्चों के शरीर में पानी भरने लगता है

न्यूमोकोकल निमोनिया के लक्षण

Symptoms of pneumococcal pneumonia in Hindi – इस रोग में बच्चों के अंदर कई प्रकार के लक्षण देखने को मिलते हैं लेकिन हमारे ऊपर निर्भर करता है कि हम उस के लक्षण पहचान पाते हैं या नहीं क्योंकि इस रोग के उत्पन्न होने से बच्चों में कई अलग-अलग प्रकार के रोग भी उत्पन्न होते हैं

जिनको हम अलग रोग समझ कर भी दवाइयां या इलाज करवा लेते हैं लेकिन इस रोग के उत्पन्न होने पर तुरंत डॉक्टर के पास जाना चाहिए और डॉक्टर से जांच करवा कर ही दवाइयां लेनी चाहिए

क्योंकि इस समस्या में कई अन्य रोग जैसे खांसी, हल्का बुखार, सांस लेने में तकलीफ, पीलिया, सांस का तेज चलना आदि समस्या देखने को मिलते हैं  और कई बार बच्चों में ज्यादा तकलीफ होने से इस रोग के कारण बच्चों के शरीर में पानी भरने लगता है

बचाव

अगर आपके आसपास इस समस्या का कोई और रोगी है तब आपको अपने नवजात व छोटे बच्चों को बचा कर रखना बहुत जरूरी है क्योंकि यह एक संक्रामक रोग है जो कि हमारे साँस के द्वारा शरीर में प्रवेश करता है इसलिए आपको कुछ ऐसी बातों का ध्यान रखना बहुत जरूरी होता है जिससे यह रोग आपके बच्चों तक न पहुंच पाए

  • आपको अपने बच्चे को एक अलग कमरे में रखना चाहिए
  • आपको अपने बच्चे को किसी ऐसे व्यक्ति को नहीं देना चाहिए
  • आपको अपने बच्चे की साफ सफाई का ध्यान रखना चाहिए
  • आपको अपने बच्चे के नजदीक जाकर छींकना व् खाँसना नहीं चाहिए
  • आपको अपने बच्चों को मुंह से नहीं छूना चाहिए
  • आपको अपने बच्चे को बाहर ले जाते समय कपड़े से ढक कर ले जाना चाहिए
  • आपको अपने बच्चे को किसी दूसरे बच्चे के साथ नहीं रखना चाहिए

इलाज

आप को अपने बच्चे को इस रोग से बचाने के लिए भारत सरकार द्वारा चलाई गई मुफ्त टीका योजना के तहत न्यूमोकोकल कंजुगेट वैक्सीन का टीका लगवाना चाहिए यह टीका आपके बच्चे को तीन डोज में दिया जाता है जिसमें सबसे पहले आपके बच्चे को 45 दिन के होने पर पहली डोज दी जाती है

फिर दूसरी डोज लगभग 14 हफ्ते के होने के बाद और फिर 9 महीने के होने के बाद आपके बच्चे को तीसरी डोज दी जाती है जिससे आपके बच्चे को इस रोग से लड़ने में मदद मिलती है लेकिन अगर आपके बच्चे में इस बीमारी की कोई भी लक्षण दिखाई नहीं देते तब भी आपको अपने बच्चे को इस बीमारी से बचाव के लिए न्यूमोकोकल कंजुगेट वैक्सीन का टीका लगवाना चाहिए

अगर आपके बच्चे में इस समस्या की कोई भी लक्षण दिखाई देते हैं तब आपको तुरंत डॉक्टर के पास जाना चाहिए इस समस्या में आपकी जरा सी लापरवाही महंगी पड़ सकती है यह एक खतरनाक जानलेवा बीमारी है इस बीमारी में देरी करना जान से खेलने के बराबर है.

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