पेट में पानी भरने के कारण लक्षण व आयुर्वेदिक उपचार
वैसे तो इंसान के शरीर में किसी भी अंग पर कोई भी बीमारी उत्पन्न हो सकती है लेकिन सामान्य तौर पर हमारे पेट में ही सबसे ज्यादा बीमारियां उत्पन्न होती है जिससे हमारे शरीर में बहुत तकलीफ होती है
अगर हमारे शरीर के किसी दूसरे अंग पर बीमारी होती है तब हम चल फिर सकते हैं या अपना हल्का-फुल्का काम कर सकते हैं लेकिन जब इंसान के पेट या पेट के आसपास कहीं पर कोई रोग उत्पन्न हो जाता है
रोगी को चलने फिरने और काम करने में भी दिक्कत होती है तो इसी तरह से पेट में पानी भरना भी एक ऐसी खतरनाक बीमारी है जिससे रोगी को बहुत परेशानियां होती है तो आज के इस ब्लॉग में हम इसी समस्या के बारे में विस्तार से बातें करेंगे इस ब्लॉग में हम बताएंगे कि पेट में पानी भरने के कारण लक्षण व आयुर्वेदिक उपचार आदि के बारे में.
पेट में पानी भरना
Fill the stomach with water in Hindi – जब किसी इंसान के शरीर में दूषित पानी जमा होने लगता है तब इस स्थिति को पेट में पानी भरना या जलोदर रोग के नाम से जाना जाता है और ऐसा तब होता है
जब किसी इंसान के शरीर में और दो पेट में पानी भरना परतों के बीच पानी जमा होने लगता है और ऐसा होने पर परते एक साथ मिलकर पेरिटोनियम नामक पदार्थ का निर्माण करते हैं जो कि एक चिकनी थैली के समान होता है और जब इसमें तरल पदार्थ इकट्ठा होने लगते हैं तब इस में सूजन आने लगती है
जिससे रोगी के शरीर में इंफेक्शन व दर्द होने लगता है और यह एक ऐसी खतरनाक बीमारी है जिसका अगर समय पर इलाज करवाया जाए तो इससे रोगी की जान भी जा सकती है
या इसके साथ और कई बीमारियां भी उत्पन्न हो सकती है और यह रोग कई प्रकार का होता है जैसे मिस्लीनियस एसाइटिस,इन्फेक्शियस एसाइटिस ,मैलिग्नेंट, हेपाटिक, कार्डियोजेनिक, नेफ्रोजेनिक आदि इसी रोग के प्रकार होते हैं
पेट में पानी भरने के कारण
Due to filling of stomach with water in Hindi – अगर किसी इंसान के पेट में पानी भरने की समस्या उत्पन्न हो रही है तब इसके पीछे कई कारणों का हाथ हो सकता है
जैसे शरीर में फैटी लीवर की समस्या उत्पन्न होना,क्षय रोग से उत्पन्न उदरावरण शोथ लीवर की नसों में खून के थक्के जमना, हृदय की पंपिंग में दिक्कत आना, किडनी डायलिसिस होना, हृदय की बाहरी परतों में सूजन या इन्फेक्शन उत्पन्न होना,
बड़-चेरी सिण्ड्रोम,लंबे समय तक शराब व नशीली वस्तुओं का सेवन करना, कुपोषण, हेपेटाइटिस बी और सी के इन्फेक्शन होना,रक्त प्रोटीन की कमी, पैंक्रिया में सूजन होना, इसके अलावा शरीर में कई अन्य रोग उत्पन्न होना जैसे अपेंडिक्स, पेट, लीवर, गर्भाशय औरअंडाशय आदि से जुड़ी हुई कैंसर आदि लेकिन इसके अलावा भी इस समस्या के उत्पन्न होने के पीछे बहुत सारे कारण हो सकते हैं
पेट में पानी भरने के लक्षण
Symptoms of water filling in stomach in Hindi – जब किसी के शरीर में जब किसी के पेट में पानी भरने लगता है तब रोगी के अंदर कई प्रकार के लक्षण भी देखने को मिलते हैं जैसे रोगी के शरीर में थकावट आलस व कमजोरी दिखाई देना,
रोगी को सांस लेने में तकलीफ होना, रोगी का पेट फूलना, रोगी के पेट में पानी की आवाज आना, पैर व शरीर के निचले भागों में सूजन उत्पन्न होना, रोगी के शरीर का वजन बढ़ना, चलने फिरने में तकलीफ होना,
हल्का बुखार रहना, रोगी के पेट में ऐठन व मरोड़े की समस्या उत्पन्न होना, रोगी के पेट में दर्द होना, बार बार उल्टी आना, रोगी के शरीर में बेचैनी होना, रोगी का मूत्र कम आना, कब्ज की समस्या उत्पन्न होना, सोते समय करवट लेने में तकलीफ होना इसके अलावा भी इस समस्या में और बहुत सारे लक्षण देखे जा सकते हैं
पेट में पानी भरने पर जांच कैसे करवाएं
How to get tested for watery stomach? in Hindi – जब रोगी के शरीर में पानी भरने के लक्षण दिखाई देने लगते हैं तब रोगी को तुरंत डॉक्टर के पास जाना चाहिए क्योंकि यह एक खतरनाक और जानलेवा बीमारी है अगर इसका समय पर इलाज या देखभाल न की जाए तो इससे रोगी की जान भी जा सकती है इसके लिए रोगी को कुछ बातों का ध्यान रखना होता है
- रोगी को अपने मल मूत्र की जांच करवानी चाहिए
- रोगी को अपनी किडनी की कार्य क्षमता की जांच करवानी चाहिए
- रोगी को अपने लीवर की कार्य क्षमता को जाना चाहिए
- रक्त स्त्राव की जांच के लिए रोगी के खून में प्रोटीन की उपस्थिति की जांच करवानी चाहिए
- रोगी को तुरंत डॉक्टर की सलाह लेनी चाहिए
- रोगी को अपने पेट का अल्ट्रासाउंड करवाना चाहिए
- रोगी के शरीर में पानी जमा होने पर इसकी जांच करवाने करने के लिए डॉक्टर रोगी के पेट से बिल्कुल बारीक सुई से तरल पदार्थ को निकालते हैं
उपचार
अगर इस समस्या के शुरुआती लक्षण आपको दिखाई देने लगते हैं तब आप कुछ घरेलू चीजों का इस्तेमाल करके भी इस समस्या को दूर कर सकते हैं जैसे
- रोगी को हर रोज 3/4 लहसुन की कलियों का रस निकालकर हर रोज खाली पेट पीना चाहिए
- रोगी को हर रोज एक गिलास गाजर के जूस का सेवन करना चाहिए
- रोगी को हर रोज अपने पेट के ऊपर 2 से तीन चम्मच अरंडी बदाम या नारियल के तेल को लगाकर मालिश करनी चाहिए
- रोगी को हर रोज एक गिलास करेले के जूस में नींबू का रस और नमक मिलाकर पीना चाहिए
- रोगी को हर रोज भोजन के साथ प्याज की सलाद का सेवन करना चाहिए
- रोगी को हर रोज ताजी मूली या मूली के रस का सेवन करना चाहिए
- रोगी को हर रोज एक टुकड़ा अदरक को पानी में उबालकर शहद मिलाकर पीना चाहिए
- रोगी को हर रोज रात में एक मुट्ठी मेथी के दानों को भिगोना चाहिए और सुबह भीगे हुए दानों को बाहर निकालकर पानी को पीना चाहिए
फिर भी अगर किसी इंसान के पेट में पानी भरने की समस्या उत्पन्न हो जाती है तब उसको तुरंत डॉक्टर के पास जाना चाहिए और डॉक्टर से टेस्ट आदि करवा कर दवाइयां लेनी चाहिए क्योंकि यह एक जानलेवा बीमारी है इसलिए इसको जल्दी से जल्दी इलाज करवाना बहुत जरूरी होता है
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