बिपिन रावत का जीवन परिचय , बिपिन रावत का जन्म, बिपिन रावत का विवाह, भारत चीन का युद्ध , बिपिन रावत की मृत्यु
बिपिन रावत का जन्म
बिपिन रावत इंडियन आर्मी के 27वें सेनाध्यक्ष हैं जिन्होंने 31 दिसंबर 2016 को थल सेना के अध्यक्ष के रूप में अपना पद ग्रहण किया था इससे पहले बिपिन रावत सेना के उपाध्यक्ष भी रह चुके हैं इनका जन्म 16 मार्च 1958 को उत्तराखंड के “पौड़ी गढ़वाल” जिले में एक राजपूत परिवार में हुआ था इनको इंडियन आर्मी में जाने की प्रेरणा कहीं और से नहीं बल्कि अपने परिवार से मिली थी क्योंकि इनके पिता लक्ष्मण सिंह रावत इंडियन आर्मी में लेफ्टिनेंट जनरल के पद पर रह चुके हैं
पूरे जीवन फौजियों के बीच में बीता था इन्होंने अपनी स्कूली शिक्षा देहरादून में प्राप्त की थी और आगे की पढ़ाई इन्होंने शिमला से पूरी की थी बिपिन रावत के अंदर देश प्रेम की भावना अपने पिताजी को देखकर ही जगी थी बिपिन रावत अपनी कड़ी मेहनत और लगन के कारण इंडियन आर्मी के कमीशन हुए जहां उन्हें इनकी योग्यता के कारण इन्हें ‘सोर्ड ऑफ ऑनर’ से सम्मानित किया गया यह पुरस्कार उसे दिया जाता है जो अपने बैच में सबसे श्रेष्ठ होता है और जनरल बिपिन रावत उनमें से एक थे
जनरल बिपिन रावत भारतीय सेना के चार सितारा जनरल थे जिन्हें 30 दिसंबर 2021 को भारत के पहले सीडीएस के रूप में नियुक्त किया गया था उन्होंने 1 जनवरी 2020 को पदभार ग्रहण किया वे देश के पहले ऐसे अधिकारी थे जिन्हें देश का पहला सी. डी. एस. अधिकारी चुना गया था इससे पहले यह पद आज तक किसी को नहीं मिला था इसके बाद वह अपने पढ़ाई के लिए अमेरिका चले गए जहां पर उन्होंने ग्रेजुएशन किया और साथ ही अपने कमांडो की शिक्षा को अधिक बढ़ाने के लिए हाई कमांडर कोर्स किया
इसके बाद उन्होंने मद्रास यूनिवर्सिटी से एमफिल की डिग्री प्राप्त की और साथ ही कंप्यूटर अध्ययन में डिप्लोमा भी प्राप्त किया है बिपिन रावत को सन 2011 में चौधरी चरण सिंह यूनिवर्सिटी मेरठ से डॉक्टरेट ऑफ फिलॉसफी की उपाधि भी दी गई थी 16 दिसंबर 1978 को इन्हें सेना के ऐतिहासिक 11वीं गोरखा राइफल में शामिल कर लिया गया था यह वही बटालियन थी जिसमें इनके पिताजी भी रह चुके थे
इस बटालियन में रहते हुए इन्होंने कई लड़ाईयो में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी जिसमें इन्हें युद्ध की नीतियों के बारे में अनुभव मिला इंडियन आर्मी में रहते हुए उन्होंने कई बटालियन में काम किया जिसके कारण इन्हें अलग-अलग जगहों की सुरक्षा और युद्ध नीतियों का अनुभव मिला इन्होंने आंतकवाद विरोधी अभियानों का संचालन करते हुए 10 साल बिताए | बिपिन रावत का जीवन परिचय |
बिपिन रावत का विवाह
1985 में बिपिन रावत ने मधुलिका रावत से शादी की थी विपिन रावत की दो बेटियां हैं कृतिका और तारिणी
मेजर के पद पर रहते हुए सीडीएस बिपिन रावत ने जम्मू-कश्मीर के उरी में एक कंपनी की कमान संभाली इसके बाद उन्होंने कर्नल के रूप में, किबिथू में लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल के साथ पूर्वी सेक्टर में पांचवी बटालियन 11वीं गोरखा राइफल की कमान संभाली इसके बाद बिपिन रावत ने कांगो लोकतांत्रिक गणराज्य में एक अध्याय मिशन में एक बहुराष्ट्रीय ब्रिगेड की कमान संभाली, जहां उन्हें दो बार फोर्स कमांडर के प्रशस्ति से सम्मानित किया गया था
बिपिन रावत ने पूर्वी कमान के मेजर जनरल स्टाफ(MGGS) के रूप में भी काम किया है इसके बाद उनका प्रमोशन सेना कमांडर ग्रेड में हो गया और 1 जनवरी 2016 को बिपिन रावत ने जनरल ऑफिसर कमांडिंग इन चीफ दक्षिणी कमान का पद ग्रहण किया था थोड़े समय के कार्यकाल के बाद उन्हें वाइस चीफ ऑफ आर्मी स्टाफ के पद पर प्रमोट कर दिया गया था 17 दिसंबर 2016 को भारत सरकार ने बिपिन रावत को 27वे सेना अध्यक्ष के रूप में नियुक्त किया था और उन्होंने जनरल दलबीर सिंह सुहाग की सेवानिवृत्ति के बाद 31 दिसंबर 2016 को COAS के रूप में सेना अध्यक्ष का पद संभाला था इसके अलावा इन्होंने भारतीय सेना के चीफ ऑफ स्टाफ कमेटी के 57वे और अंतिम अध्यक्ष के रूप में भी कार्य किया था
भारत चीन का युद्ध
1987 में भारत-चीन झड़प के दौरान तत्कालीन कर्नल बिपिन रावत की बटालियन को चीन पीपुल्स लिबरेशन आर्मी के खिलाफ तैनात किया गया था विवादित मेक मोहन रेखा पर 1962 के युद्ध के बाद यह पहला सैन्य टकराव था जून 2015 में ईस्ट एशिया से संबंधित उग्रवादियों द्वारा किए गए घात में 18 भारतीय सैनिक शहीद हो गए थे, उसके बाद भारतीय सेना ने सीमा पार हमलों से जवाब दिया जिसमें पैराशूट रेजीमेंट की 21 वीं बटालियन की इकाइयों ने म्यांमार में NSCN-K देश पर हमला किया
यह विशेष अभियान दीमापुर स्थित 3 कोर के संचालक नियंत्रण के तहत किया गया था जिसकी अध्यक्षता बिपिन रावत ने की थी बिपिन रावत फील्ड मार्शल सेम और जनरल दलबीर सिंह सुहाग के बाद गोरखा ब्रिगेड के थल सेना अध्यक्ष बनने वाले तीसरे अधिकारी थे वह नेपाली सेना के मानद जनरल भी थे सीडीएस जनरल बिपिन रावत ने अपने 63 वर्षों के करियर के दौरान वीरता और विशिष्ट सेवा के लिए कई पदक और सम्मान प्राप्त किए हैं | बिपिन रावत का जीवन परिचय |
बिपिन रावत की मृत्यु
8 दिसंबर 2021 को भारत के पहले चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल बिपिन रावत की तमिलनाडु में भारतीय वायुसेना केMI-17 हेलीकॉप्टर दुर्घटना में मृत्यु हो गई थी उनके साथ उनकी पत्नी और उनके निजी स्टाफ के सदस्य भी थे, जो दुर्घटना में शहीद हो गए थे वह भारतीय वायु सेना के 175वी 5 हेलीकॉप्टर में सवार थे जो तमिलनाडु में कुन्नूर के पास दुर्घटनाग्रस्त हो गया था बिपिन रावत उस दिन स्टाफ कोर्स के संकाय और छात्र अधिकारियों को संबोधित करने के लिए रक्षा सेवा स्टाफ कॉलेज, वेलिंगटन (नीलगिरी हिल्स) के दौरे पर जा रहे थे इस हेलीकॉप्टर में कुल 13 व्यक्ति थे | बिपिन रावत का जीवन परिचय |