विटामिन डी की कमी के लक्षण इसके रिच फूड्स
आज के समय में हर कोई अपने शरीर को बढ़िया और स्वस्थ रखना चाहता है उसके लिए अलग-अलग तरीके अपनाता है ताकि वह अपने शरीर में होने वाली कैल्शियम फास्फोरस लोहा केमिकल कैल्शियम विटामिन आदि की चीजों की कमी को पूरा करके अपने शरीर को स्वस्थ रख सके
क्योंकि हमारे शरीर को स्वस्थ रखने के लिए इन सभी चीजों की जरूरत होती है अगर हमारे शरीर में इनमे से किसी भी चीज़ की कमी होती है तो हमारा शरीर कुछ अलग अलग तरह की बीमारियों से ग्रस्त हो जाता है .
इसके लिए हमें इन सभी चीजों की जरूरत होती है मैं आज आपको इनमें से सिर्फ विटामिन डी के बारे में बताऊंगा वैसे तो ड्यूटी विटामिन कई प्रकार के होते हैं लेकिन सभी को बताना थोड़ा मुश्किल है मैं आपको इस पोस्ट में विटामिन डी के बारे में पूरी जानकारी दूंगा विटामिन डी क्या होता है
यह हमें किससे मिलता है इसके हमारे शरीर में क्या-क्या फायदे होते हैं और अगर यह हमारे शरीर में नहीं है या कम है तो हमें किस तरह की दिक्कत आ सकती है
इन सभी चीजों के बारे में नीचे आपको पोस्ट में मैं बताऊंगा तो आप के लिए जानकारी जानना बहुत ही आवश्यक है क्योंकि अगर आपके शरीर में भी विटामिन डी की कमी है तो आपको कई प्रकार की दिक्कत हो सकती है तो उस के लिए आप यह जानकारी जरूर पढ़ें.
विटामिन डी क्या होता है
What is vitamin d in Hindi – विटामिन पोषक तत्व होते हैं जिन्हें शरीर द्वारा नहीं बनाया जा सकता है और इसलिए हमारे आहार के माध्यम से लिया जाना चाहिए. और विटामिन डी हमारे आहार के साथ-साथ है धूप से भी प्राप्त होता है यदि हमारे शरीर में विटामिन की कमी है तो धूप में बैठकर हम उस विटामिन की कमी को पूरा कर सकते हैं
यानी हम विटामिन D को धूप से भी प्राप्त कर सकते हैं.इसके अलावा हम विटामिन डी धूप, दूध, अंडे के पीले भाग, टमाटर, हरी सब्जियां, शलजम, नींबू, मालटा, मूली, पत्ता गोभी, पनीर जैसी चीजों से प्राप्त कर सकते हैं क्योंकि इन चीजों में विटामिन डी की भरपूर मात्रा होती है लेकिन इनमें अलग-अलग चीजों में अलग-अलग तरह विटामिन डी की मात्रा पाई जाती है .
यह सभी चीजें भी आप विटामिन डी की कमी को पूरा करने के लिए हम सभी चीजों को आप अपने खाद्य पदार्थों में ले सकते हैं. अगर हमारे शरीर में विटामिन डी की कमी है तो हमें बहुत सी बीमारियां हो सकती है. जैसे.- रिकेट्स, गठिया और ऑस्टियोपोरोसिस (हड्डी रोग) हो जाते है.
वैस विटामिन D विटामिन डी (डी 1, डी 2, डी 3, डी 4 और डी 5) के पांच अलग-अलग प्रकार के होते हैं. विटामिन D हमें सूर्य से भी प्राप्त हो सकता है इसलिए विटामिन डी को कभी-कभी “सनशाइन विटामिन” कहा जाता है. विटामिन डी हमारे शरीर की कार्यप्रणाली को सुचारू रूप से चलाने में अहम भूमिका निभाता है.
एक रिसर्च में भारत में करीब 80 फीसदी लोगों में विटामिन डी की कमी पाई गई. सबसे बड़ी बात यह थी कि इनमें से अधिकतर लोगों को पता ही नहीं था कि उन्हें यह कमी है भी.
विटामिन डी के फायदे
- विटामिन डी का उपयोग रिकेट्स को रोकने और उपचार करने के लिए किया जाता है यह एक बड़ी बीमारी होती है. जो विटामिन डी विटामिन डी की कमी के कारण होती है.
- विटामिन डी का इस्तेमाल हाईपरपेरायरायडिज्म नामक रोग के लिए किया जाता है. इन लोगों में हड्डियों की हड्डियों (ऑस्टियोपोरोसिस), हड्डी का दर्द (ऑस्टोमालाशिया), हड्डियों का नुकसान, जैसी बीमारी होती है. इसका इस्तेमाल ऑस्टियोपोरोसिस से ग्रस्त वाले लोगों में गिरने और फ्रैक्चर को रोकने के लिए भी किया जाता है.
- विटामिन D के कारण लोगों में कैल्शियम और हड्डियों की कमी जैसी बीमारी को रोकने में भी मदद मिलती है इसका इनमेबहुत ज्यादा फायदा होता है..
- विटामिन डी का इस्तेमाल हृदय और रक्त वाहिकाओं में उच्च रक्तचाप और उच्च कोलेस्ट्रॉल भी शामिल है और मधुमेह, मोटापा, मांसपेशियों की कमजोरी, मल्टीपल स्केलेरोसिस, रुमेटीइड गठिया, क्रोनिक ऑब्स्ट्रक्टिव पल्मोनरी डिजीज (सीओपीडी), अस्थमा, ब्रोंकाइटिस, प्रीमेस्सारयल सिंड्रोम (पीएमएस), और दांत और गम रोग के लिए भी प्रयोग किया जाता है.
- विटामिन D का इस्तेमाल त्वचा जैसी बीमारियों के लिए भी किया जाता है जैसे इसमें विटिलिगो, स्केलेरोद्मा, छालरोग, एक्टिनिक केरैटोसिस और ल्यूपस वल्गरिस शामिल हैं. इसका उपयोग प्रतिरक्षा प्रणाली को बढ़ावा देने, स्वप्रतिरक्त रोगों को रोकने, और कैंसर को रोकने के लिए भी किया जाता है.
- कैल्सीट्रीओल या कैलीसिओट्रिएन के नाम से जाना जाने वाला विटामिन डी एक विशेष प्रकार के छालरोग के लिए सीधे त्वचा पर लगाया जाता है.
- डेनमार्क के शोधकर्ताओं के अनुसार विटामिन डी शरीर की टी-कोशिकाओं की क्रियाविधि में वृद्धि करता है. जो किसी भी बाहरी संक्रमण से शरीर की रक्षा करती हैं.
- विटामिन डी हमारे शरीर में कैल्शियम और फास्फोरस के सही स्तर को बनाए रखने में मदद करता है
- विटामिन डी कैल्शियम के अवशोषण, प्रतिरक्षा प्रणाली के सही तरीके से काम करने तथा हड्डियों और कोशिकाओं के सम्पूर्ण विकास और नियंत्रण करने में मदद करता है. और साथ में शरीर के अंगों से सूजन को कम करने में भी मदद करता है.
- विटामिन D हमारे शरीर में आंत से इन खनिजों को अवशोषण कर के हड्डियों तक पहुंचाने का काम भी करता है. इसके अलावा विटामिन D हमारे शरीर में ह्रदय रोग और हाई बीपी से भी हमें छुटकारा दिलाने में मदद करता है.
विटामिन डी के नुकसान
disadvantages of vitamin d in Hindi – ज्यादातर लोगों में विटामिन डी की कमी ही पाई जाती है. लेकिन अगर कोई इंसान दवाइयों के द्वारा ज्यादा विटामिन डी मिलता है तो उसके आपके शरीर में बहुत ज्यादा नुकसान भी होते हैं
अगर यह तो आप सभी जानते हो कि किसी भी चीज की ज्यादा मात्रा भी हमारे शरीर को नुकसान पहुंचाती है और कम होने पर भी नुकसान होता है तो अगर आपके शरीर में इसकी मात्रा ज्यादा है तो भी बहुत नुकसान होते हैं
इसकी अधिक मात्रा से हमारे शरीर में कैल्शियम की मात्रा अधिक हो जाती है. जिसके कारण शरीर में अनेक प्रकार की समस्या होने लगती हैं जैसे भूख की कमी, बार-बार पेशाब आना, कमजोरी होना, हार्ट अटैक का खतरा आदि दिक्कत हो सकती है.
10 विटामिन डी रिच फूड्स
- सनलाइट
- कॉड लिवर ऑयल
- सारडीन
- सामन
- मैकेरल
- टूना
- कच्चे दूध
- कैवियार
- अंडे
- मशरूम
विटामिन डी की कमी के लक्षण
Vitamin D deficiency symptoms in Hindi – जैसा कि मैंने आपको ऊपर बताया था. कि बहुत से लोगों को विटामिन डी की कमी है लेकिन कई लोगों को यह पता नहीं चलता कि उनके शरीर में विटामिन डी की कमी है.
तो मैं आपको नीचे कुछ ऐसे लक्षण बताऊंगा जिनसे की आसानी से पता लगाया जा सकता है कि किसी के शरीर में विटामिन डी की कमी है या नहीं है और इससे आपको पता चल जाएगा कि आपके शरीर में विटामिन डी की कमी है या नहीं है.
बच्चों में
विटामिन डी की कमी के कारण बच्चों और बड़ों में अलग-अलग लक्षण दिखाई देते हैं .जैसे कि बच्चों में कुछ ऐसे लक्षण दिखाई देते हैं
- मांसपेशियों में ऐंठन होने लगती है कई बार हमारे शरीर में चिड़चिड़ापन आ जाता है.
- और कई बार हमारा मन खड़ा होने के लिए या चलने के लिए नहीं करता है. जिससे कई बार हम देरी से उठते हैं या देरी से चलते हैं.
- कई बार हमारी खोपड़ी बिल्कुल नरम हो जाती है..
- हमारे पैर कमजोर हो जाते हैं कई बार हमें सांस लेने में भी दिक्कत आने लगती है. और हमारा शरीर बार-बार संक्रमित होने लगता है.
वयस्कों में
बड़ो में विटामिन डी की कमी के कुछ ज्यादा लक्षण दिखाई देने लगते हैं जैसे कि बड़ो में कुछ इस तरह के लक्षण दिखाई देते हैं.
- कई बार हड्डियों में दर्द होने लगता है. मांसपेशियों में दर्द होने लगता है
- मांसपेशियों में कमजोरी आ जाते हैं कई बार हमें थकान महसूस होने लगती है और हमें बहुत ज्यादा पसीना आने लगता है. और बेचैनी लगने लगती है.
- हमें सीढ़ियों पर चढ़ने उतरने में दिक्कत होने लगती है हमारे बाल झड़ने लगते हैं हमारे दांत भी कमजोर हो जाते हैं. और हमारे शरीर में इंडिया और कलाइयां फूलने लगती है
- ब्लड प्रेशर बढ़ जाता है हमारे हृदय में बहुत सारे रोग हो सकते हैं. और कब्ज और दस्त जैसी समस्याएं भी बार-बार होने लगती है.
यह समस्या यदि आपको बार-बार दिखाई देती है या आपके शरीर में इस तरह कुछ समस्याएं अभी भी है तो शायद आपके शरीर में विटामिन डी की कमी हो आपको तुरंत डॉक्टर से मिलना चाहिए और इस समस्या का समाधान करवाना चाहिए.
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