सदमा लगने के कारण लक्षण बचाव व उपचार
जब भी हमारे शरीर में कोई बीमारी उत्पन्न होती है तो हमारे शरीर में उसके कोई ना कोई लक्षण जरूर दिखाई देते हैं लेकिन कई घटनाएं ऐसी होती है जिसमें रोगी के शरीर में किसी प्रकार की बीमारी नहीं होती लेकिन लेकिन फिर भी वह इंसान मानसिक और शारीरिक रूप से बिल्कुल कमजोर हो जाता है और उसको देखने पर एक बीमार मरीज की तरह प्रतीत होता है.
तो इसी तरह की समस्या किसी इंसान को सदमा लगने पर उत्पन्न होती है तो इस ब्लॉग में हम सदमा लगने से संबंधित ही बातें करने वाले हैं इस ब्लॉग में हम आपको सदमा लगने के कारण, लक्षण, बचाव व उपचार आदि के बारे में विस्तार से बताएंगे.
सदमा लगना
Go into shock in Hindi – सदमा लगना कोई बीमारी नहीं होती बल्कि यह एक ऐसी समस्या है जो कि किसी बड़े हादसे, दुर्घटना आदि के कारण उत्पन्न होती है इस समस्या के उत्पन्न होने पर रोगी मानसिक व शारीरिक रूप से बिल्कुल कमजोर व अकेला महसूस करने लगता है और उसके ऊपर दुखों का पहाड़ टूट पड़ता है वैसे तो सदमा लगना बहुत कम लोगों में देखा जाता है
लेकिन जो लोग शारीरिक व मानसिक रूप से कमजोर होते हैं उनमें सदमा लगने की समस्या ज्यादा होती है लेकिन यह सदमा किस हादसे, दुर्घटना के कारण लग रहा है उसके ऊपर भी ज्यादा निर्भर करता है क्योंकि इस समस्या के उत्पन्न होने पर रोगी खुद को ऐसा महसूस करता है कि उसकी जिंदगी में मानो कुछ भी नहीं बचा है और सब कुछ खत्म हो चुका है जब किसी इंसान को सदमा लगता है
तब उसके शरीर में रक्त संचार बिल्कुल धीमा हो जाता है और ऐसा होने पर उसके शरीर में कई अन्य समस्याएं व बीमारियां उत्पन्न हो सकती हैं और उसके आसपास क्या हो रहा है वह क्या कर रहा है उसको इसके बारे में कुछ भी नहीं पता होता वह इंसान एक पुतले की तरह हो जाता है
अगर किसी इंसान को किसी हादसे या किसी दुर्घटना या किसी की मृत्यु के कारण सदमा लग जाता है तब उसको तुरंत किसी अच्छे डॉक्टर के पास ले जाना बहुत जरूरी है और समय रहते उसका इलाज होने पर उस इंसान को सदमे से बाहर भी निकाला जा सकता है लेकिन यह उसके ऊपर निर्भर करता है कि रोगी को सदमा कितने प्रतिशत लगा है
सदमा लगने कारण
Cause of shock in Hindi अगर सदमा लगने के कारणों के बारे में बात की जाए तो किस समस्या की उत्पन्न होने के पीछे कई अलग-अलग कारण हो सकते हैं जैसे रोगी के किसी खास करीबी की मृत्यु हो जाना, रोगी के साथ कोई बड़ा हादसा या दुर्घटना होना, रोगी का मानसिक संतुलन ठीक न होना,
रोगी के शरीर या दिमाग आदि के ऊपर गहरी चोट लगना,रोगी के शरीर का खून ज्यादा बहना, रोगी के शरीर में पानी की कमी होना, आदि इस समस्या के मुख्य कारण होते हैं इसके अलावा भी रोगी को सदमा लगने की कई अलग-अलग कारण हो सकते हैं लेकिन ज्यादातर मामलों में रोगी के किसी खास करीबी की मृत्यु होना या उसके साथ किसी बड़े हादसे का होना ही देखा गया है
सदमा लगने लक्षण
Shock symptoms in Hindi – अगर सदमा लगने के लक्षण के बारे में बात की जाए तो जब भी किसी इंसान को इस प्रकार की समस्या उत्पन्न होती है तब रोगी में कई अलग-अलग लक्षण देखने को मिलते हैं जैसे रोगी का चेहरा नीला पडना, रोगी को बार बार चक्कर आने की समस्या होना, रोगी की शरीर की स्थिति बिल्कुल कमजोर होना,
रोगी को किसी प्रकार की चीज का अनुभव न होना, रोगी के माथे के ऊपर हर समय पसीना दिखाई देना, रोगी की धमनियों की धड़कन बिल्कुल धीमी होना, रोगी में रक्त संचार धीमा होना, रोगी को भूख, प्यास बिल्कुल न लगना, रोगी के आस-पास हो रही घटनाओं के बारे में जानकारी न होना, रोगी को गहरा सदमा लगने पर हार्टअटैक की समस्या होना, रोगी को बार बार उल्टी दस्त की समस्या होना,
रोगी का बार बार चिंता महसूस करना, रोगी का किसी बात को लेकर उलझन में रहना, रोगी की छाती में दर्द होना, रोगी की सांसे तेज चलना, रोगी को लो ब्लड प्रेशर की समस्या होना, रोगी का शरीर बिल्कुल कमजोर होना, रोगी को देखने में परेशानी होना आदि इस समस्या की मुख्य लक्षण होते हैं इसके अलावा भी सदमा लगने पर रोगी में और बहुत लक्षण दिखाई दे सकते हैं
सदमा के बचाव
Shock prevention in Hindi – इंसान अगर कोई इंसान मानसिक व शारीरिक रूप से कमजोर है और आपको लगता है कि इस इंसान में सदमा लगने की समस्या हो सकती है तो उस इंसान को इस समस्या से बचाने के लिए कुछ ऐसी बातों का ध्यान रखना बहुत जरूरी है जो कि उसके लिए फायदेमंद होती है जैसे
- अगर कोई इंसान शारीरिक व मानसिक रूप से कमजोर है तब उसको अचानक किसी दुर्घटना या हादसे के बारे में बिल्कुल भी नहीं बताना चाहिए
- अगर किसी इंसान के साथ किसी प्रकार की दुर्घटना या हादसा हो जाता है तब उसको तुरंत किसी अच्छे डॉक्टर के पास ले जाना चाहिए
- रोगी को एक्सीडेंट या किसी की मृत्यु हो जाने पर लाश के पास नहीं ले जाना चाहिए
- अगर किसी इंसान को मानसिक परेशानियां रहती है तब उसको किसी प्रकार की चिंता वाली बातें के बारे में नहीं बताना चाहिए
- जब भी किसी इंसान के करीबी की मृत्यु हो जाती है तब उसको अकेला बिल्कुल भी नहीं छोड़ना चाहिए
- इस प्रकार की समस्या से बचाने के लिए ज्यादा मानसिक व शारीरिक काम बिल्कुल भी नहीं करने देनी चाहिए
- रोगी को इस प्रकार की समस्या से बचाने के लिए उसके साथ हंसी मजाक करते रहना चाहिए और उसको ज्यादा से ज्यादा कॉमेडी वीडियोस फिल्म आदि दिखानी चाहिए
- रोगी को हर रोज सुबह सुबह हल्के-फुल्के व्यायाम व प्राणायाम आदि करनी चाहिए
- रोगी को हर रोज सुबह सुबह खुली हवा में घूमना चाहिए
सदमा का उपचार
Treatment of shock अगर किसी इंसान को सदमा लगने की समस्या उत्पन्न हो जाती है तब आपको तुरंत उस इंसान को किसी अच्छे डॉक्टर के पास ले जाना चाहिए डॉक्टर उस इंसान को इस समस्या से बचाने के लिए आपको कई प्रकार की बातों का ध्यान रखने के बारे में बताते हैं अगर रोगी में यह समस्या ज्यादा दिखाई दे रही है
तब उसको ठीक करने के लिए अलग-अलग प्रकार के टेस्ट करते हैं वह रोगी को कई बार सर्जरी आदि भी की जाती है लेकिन यह सब उपचार रोगी के ऊपर सदमे के प्रभाव के ऊपर ज्यादा निर्भर करता है
लेकिन फिर भी अगर किसी इंसान में इस समस्या के शुरुआती लक्षण हो जाते हैं तब आपको तुरंत किसी अच्छे डॉक्टर के पास जाना बहुत जरूरी है अगर आप इस समस्या को हल्के में ले लेते हैं तब इससे रोगी के शरीर में हार्टअटैक लो ब्लड प्रेशर और शरीर में खून की कमी जैसी समस्या हो सकती है और रोगी की मृत्यु भी हो सकती है
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