हृदय फेल होने के कारण, लक्षण व उपचार

हृदय फेल होने के कारण, लक्षण व उपचार

वैसे तो बहुत सारी खतरनाक बीमारियों फैली हुई है लेकिन आप इन बीमारियों से इलाज के जरिए छुटकारा भी पा सकते हैं लेकिन कुछ ऐसी बीमारियां होती है जो कि एक बार लगने से रोगी की तुरंत मौत हो जाती है और इन बीमारियों का कोई इलाज भी संभव नहीं होता लेकिन इन बीमारियों से बचने के लिए आपको कुछ ऐसे उपायों और कुछ ऐसी बातों का ध्यान रखना बहुत जरूरी है

जो कि आपको इस रोग से बचाते हैं इसी तरह से हृदय का फेल होना भी एक ऐसी खतरनाक बीमारी है जिससे रोगी की तुरंत मौत हो जाती है और यह बीमारी पिछले कुछ सालों में बहुत तेजी से बढ़ी है और हर साल इस बीमारी से लाखों लोग अपनी जान गवा देते हैं तो आज किस ब्लॉग़ में हम हार्ट फेल होने के कारण लक्षण और इसके उपचार आदि के बारे में बात करेंगे

हृदय फेल होना

Heart failure in Hindi – आप में से बहुत सारे लोगों ने हार्टअटैक के बारे में तो सुना होगा लेकिन हार्ट फेल होना भी हार्टअटैक से जुड़ी हुई बीमारी है लेकिन कई लोग ऐसा सोचते हैं कि अगर किसी रोगी का हार्ट फेल हो जाता है तो उसकी मृत्यु हो जाती है लेकिन ऐसा बिल्कुल भी नहीं है जब किसी इंसान का हृदय फेल होता है तब उसके हृदय की मांसपेशियों की कार्य शक्ति कमजोर हो जाती है

और इससे रोगी के हृदय में रक्त संचार सही से नहीं हो पाता और रोगी का हृदय बिल्कुल कम काम करने लगता है इससे रोगी को हार्टअटैक भी आ सकता है और जब किसी रोगी की हृदय की कार्य शक्ति बिल्कुल कम हो जाती है

तब इसी स्थिति को हृदय का फेल होना कहा जाता है लेकिन आपको इस बात का ध्यान रखना बहुत जरूरी होगा कि हार्टअटैक एक अलग बीमारी है जबकि हृदय फेल होना एक अलग बीमारी है

हृदय फेल होने के कारण

Cause to heart failure in Hindi – अगर किसी इंसान के हृदय के फेल होने के कारणों के बारे में बात की जाए तो इस समस्या के उत्पन्न होने के पीछे बहुत सारे कारणों का हाथ हो सकता है लेकिन इस समस्या के कई मुख्य कारण होते हैं

जैसे ज्यादातर लोगों में यह समस्या रक्त का दबाव बढ़ने से उत्पन्न होती है इसके अलावा रक्त की मात्रा कम हो जाना, फ्लूड ओवर लोड होना, हृदय में संक्रमण होना, ज्यादा औषधियों का इस्तेमाल करना,

हृदय के ऊपर गहरी चोट लगना, ज्यादा शराब बीड़ी तंबाकू और सिगरेट आदि का सेवन करना, चोट लगने पर ज्यादा खून निकलना, एनीमिया रोग होना, ज्यादा मानसिक तनाव रखना,

थायरोटॉक्सी कोसिस, हार्ट की मसल में सूजन आना, जन्मजात से हृदय की विकृति होना, रोगी को किडनी संबंधित बीमारियां होना, रोगी को थायराइड, पल्मोनरी इम्बोल्जिमऔर डायबिटीज जैसी समस्या उत्पन्न होना ऐसे और भी बहुत सारे कारण हैं जिससे यह रोग हो सकता है

हृदय फेल होने के लक्षण

Symptoms of heart failure in Hindi – अगर किसी इंसान का हृदय फेल होता है तब उसके कुछ लक्षण भी दिखाई देते हैं जिस को पहचान कर आप आसानी से रोगी को उपचार दे सकते हैं जैसे रोगी की सांस फूलना, रोगी को घबराहट होना, रोगी को सांस लेने में दिक्कत होना, रोगी को चक्कर आना, रोगी का वजन बढ़ना,

रोगी के पैरों में सूजन होना, रोगी को बार बार खांसी आना रोगी को घुटन व बेचैनी होना रोगी को भूख प्यास कम लगना व पेट में आफरा आना, रोगी को हृदय में दर्द होना, सांस रोगी के सांसे तेज चलना, रोगी की सांसे रुकना, रोगी की धड़कन बढ़ना आदि इस समस्या के बहुत सारे लक्षण होते हैं जिनको आप आसानी से पहचान सकते हैं

क्या करें

What to do in Hindi – अब कुछ लोगों का ऐसा अब कुछ लोगों का यह सवाल जरूर होगा कि क्या किसी इंसान के हृदय फेल होने के लक्षण दिखाई देने पर क्या करन चाहिए अगर किसी इंसान के हृदय फेल होने के लक्षण दिखाई देते हैं तो सको कुछ ऐसे उपचार दे सकते हैं जिससे रोगी को ठीक किया जा सकता है जैसे

  • रोगी को तुरंत डॉक्टर के पास ले जाना चाहिए और दवा और डॉक्टर के द्वारा बताई गई दवाइयों का नियमित रूप से इस्तेमाल करना चाहिए
  • इसके साथ ही रोगी को अपने दैनिक जीवन की कुछ आदतों को बदलना चाहिए
  • रोगी को साफ-सुथरे पानी का सेवन करना चाहिए
  • रोगी को समय-समय पर अपने टेस्ट करवाते रहना चाहिए
  • रोगी को हमेशा सुपाच्य व नरम भोजन का सेवन करना चाहिए
  • रोगी को अपनी शारीरिक क्षमता के हिसाब से ही काम करना चाहिए
  • रोगी को हर रोज हल्के-फुल्के व्यायाम करने चाहिए
  • रोगी को सुबह-सुबह खुली हवा में घूमना चाहिए
  • रोगी को ज्यादा से ज्यादा पानी का सेवन करना चाहिए रोगी को अपने वजन को ज्यादा नहीं बड़ने देना चाहिए
  • रोगी को सांस फूलना सांस लेने में दिक्कत आना, बार-बार हृदय में दर्द होना जैसे लक्षण दिखाई देते ही तुरंत डॉक्टर के पास जाना चाहिए इस रोग में आपको देरी करना महंगा पड़ सकता है

क्या नहीं करना चाहिए

  • रोगी को बासी भोजन बिल्कुल भी नहीं खाना चाहिए
  • रोगी को नमक की मात्रा बिल्कुल कम कर देनी चाहिए
  • रोगी को धूम्रपान व शराब आदि नशीली चीजों से परहेज करना चाहिए
  • रोगी को ज्यादा शारीरिक काम नहीं करने चाहिए
  • रोगी को ज्यादा मिर्च मसालेदार भोजन का सेवन नहीं करना चाहिए
  • रोगी को ज्यादा तली भुनी हुई चीजों का सेवन नहीं करना चाहिए
  • रोगी को ज्यादा एलोपैथिक दवाइयां व औषधियों का सेवन नहीं करना चाहिए
  • रोगी को ज्यादा वजन नहीं उठाना चाहिए
  • रोगी को अलग-अलग दवाइयों का सेवन नहीं करना चाहिए
  • रोगी को ज्यादा मानसिक तनाव नहीं रखनी चाहिए

लेकिन फिर भी अगर किसी इंसान के फायदे फेल होने से संबंधित लक्षण दिखाई देते हैं तो उसको तुरंत डॉक्टर के पास जाना चाहिए और अपने टेस्ट आदि करवा कर दवाइयां शुरू करनी चाहिए क्योंकि अगर आप इस समस्या को ज्यादा गंभीरता से नहीं लेंगे तो यह आगे चलकर आपके लिए हार्ट अटैक का भी कारण बन सकती है

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