चुंबक के खोज किसने की
एक चुंबक के बारे में तो हम सभी जानते है की क्या होती है यह एक एक चुंबक एक सामग्री या वस्तु है जो किसी चुंबकीय वस्तु या लोहे जैसे धातु को अपनी और खींचती है, और आकर्षित करती है चुंबक की पट्टी जब स्वतंत्रतापूर्वक लटकायी जाती है तो इसके सिरेे हमेशा उत्तर -दक्षिण दिशा में ठहर जाते हैं इस गुण के कारण लोड स्टोन भी कहा गया .
सबसे लोकप्रिय चुंबक की खोज Magnet नामक एक बुजुर्ग Cretan चरवाहा ने की थी वो करीब 4,000 साल पहले उत्तरी ग्रीस के एक क्षेत्र में अपनी भेड़ों को चरा रहा था तो उसे एक चुंबक जैसा पत्थर का टुकड़ा दिखा
क्योकि वह जब भी भेड़ों को चराने जाता तो ऐसे जूते पहन के जाते जिनके निचे लोहे की परत थी तो एक दिन उसके जूते के कुछ पत्थर के टुकड़े चिपक गये तो उसने देखा की ये कैसे टुकड़े है .
तो और वह कुछ खोदा गया तो मैग्नेटाइट, एक प्राकृतिक चुंबकीय सामग्री मिली इसकी खोज के बाद कई सालों के लिए, मैग्नेटाइट अंधविश्वास में घिरा हुआ था और इस तरह, बीमारों को चंगा बुरी आत्माओं को दूर डराने और आकर्षित करने और लोहे के बने जहाजों को भंग करने की क्षमता के रूप में जादुई शक्तियों रूप में माना जाता था
फिर धीरे धीरे इसके उपर रिसर्च की गयी और फिर लोगो को पता चला की यह कैसे काम करती है और क्या चीज है वास्तव में ये इंग्लैण्ड के विलियम गिलबर्ट चुंबक के गुणों का अध्ययन करने वाले पहले व्यक्ति थे। उन्होंने लगभग 17 वर्षों तक चुंबक के गुणों का अध्ययन किया
चुंबक द्वारा आकर्षित नहीं होते हैं, उन्हें अचुंबकीय पदार्थ कहते हैं। जैसे लकड़ी, कागज, रबड़, पत्थर, कांच, सोना, चांदी, एल्युमिनियम आदि। इन पदार्थों से कृत्रिम चुंबक नहीं बनाया जा सकता।जो पदार्थ चुंबक द्वारा आकर्षित किए जाते हैं, उन्हें चुंबकीय पदार्थ कहते हैं। जैसे लोहा, निकेल, कोबाल्ट आदि जो पदार्थ इन पदार्थों से कृत्रिम चुंबक बनाया जा सकता है
चुंबक के विपरीत ध्रुव एक दूसरे को हमेशा आकर्षित करते हैं, जबकि समान ध्रुव हमेशा एक दूसरे को प्रतिकर्षित यानी दूर भगाते हैं। अर्थात उत्तर-दक्षिण एक दूसरे को आकर्षित करेंगे, जबकि उत्तर-उत्तर और दक्षिण-दक्षिण एक दूसरे को प्रतिकर्षित करेंगे।
चुंबक के गुणों का जल्द से जल्द खोज यूनानियों या चीनी या तो द्वारा किया गया था चुंबकत्व की समझ में 1600 में विलियम गिलबर्ट के प्रयोग किया गया था तो यह गिल्बर्ट को पहली बार एहसास हुआ कि पृथ्वी एक विशाल चुंबक था
कुछ चुम्बक प्राकृतिक रूप से भी पाये जाते हैं निर्मित किये गये चुम्बक दो तरह के होते है जैसे स्थायी चुम्बक और अस्थायी चुंबक और दोनों में अंतर है जैसे
स्थायी चुम्बक Permanent magnet
जो चुंबक अपने चुंबकीय गुणों को नहीं खोता है, उसे स्थायी चुंबक कहते हैं ये हार्ड चुम्बकीय पदार्थ से बनाये जाते हैंऔर ये और सामान्य परिस्थितियों में बिना किसी कमी के बना रहता है और सामान्य परिस्थितियों में बिना किसी कमी के बना रहता है
अस्थायी चुम्बक Floating magnet
इसके विपरीत जो चुंबक अपने चुंबकीय गुणों को खो देता है, उसे अस्थायी चुंबक कहते हैं। जैसे: लोहा, स्टील, कोबाल्ट, निकेल से बने चुंबक ये चुम्बक तभी चुम्बकीय क्षेत्र उत्पन्न करते हैं जब इनके प्रयुक्त तारों से होकर विद्युत धारा प्रवाहित की जाती है। धारा के समाप्त करते ही इनका चुम्बकीय क्षेत्र लगभग शून्य हो जाता है। इसी लिये इन्हें विद्युतचुम्बक या एलेक्ट्रोमैग्नेट् भी कहते हैं
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इस पोस्ट में आपको चुंबक के उपयोग स्थायी चुंबक चुंबक बनाने की विधि कैसे कृत्रिम चुंबक बनाने के लिए चुंबक चिकित्सा मैग्नेट के दो चुंबकीय गुण चुंबक कितने प्रकार के होते हैं से संबंधित जानकारी दी गई है अगर आपको यह जानकारी फायदेमंद लगे तो अपने दोस्तों के साथ शेयर करें और अगर इसके बारे में आपका कोई भी सवाल या सुझाव हो तो नीचे कमेंट करके जरूर बताएं.
Chumbak aata kaha se hai
Chumbak metal se banta hai
चुम्बक उत्तर दक्षिण दिशा में क्यों ठरता हें?
Uttar d mai eslie kyoki n s dhurv biprit hote hai
Magnet ka naman Angle kya hota jai?
Hay bro
Uttar d mai eslie kyoki n s dhurv biprit hote hai
चुंबक का निर्माण कैसे होता है
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Chumbak natural chiz hai
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