प्रोटीन और मसल ग्रोथ के पीछे का विज्ञान

प्रोटीन और मसल ग्रोथ के पीछे का विज्ञान

पहले वाले आर्टिकल में हमने आपको बताया था कि प्रोटीन क्या होता है और प्रोटीन हमारे लिए गेम क्यों महत्वपूर्ण है और इसके अलावा हमने एक और आर्टिकल लिखा था जिसमें हमने आपको बताया था कि प्रोटीन से हमारी मसल्स पर क्या प्रभाव पड़ता है आज हम प्रोटीन और muscle ग्रोथ के पीछे का विज्ञान के बारे में थोड़ा सा आपको बताएंगे. Science Behind Muscle Building Hindi

हमारे बॉडी की हर एक सेल में प्रोटीन होता है और वह लगातार टूटता रहता है और बनता रहता है और यह हमारे मसल्स टिश्यू पर भी लागू होता है इस प्रोसेस को ब्रेक डाउन प्रोसेस और सिंथेसिस प्रोसेस कहते हैं, जो कि अलग-अलग फैक्टर पर डिपेंड होती है. जैसे कि मान लीजिए आप अभी वर्त वर्त कर रहे हैं

तो आपके प्रोटीन ब्रेकडाउन का रेट हाई हो जाएगा और जब आपका प्रोटीन ब्रेकडाउन रेट आपके प्रोटीन सिंथेसिस रेट से ज्यादा हो जाता है तो आप को मसल loss जैसे प्रॉब्लम होने लगती है. इस स्टेट को नेगेटिव प्रोटीन बैलेंस कहा जाता है. जब आप प्रोटीन से भरपूर कोई खाना खाते हैं तो आपकी बॉडी में प्रोटीन सिंथेसिस रेट ज्यादा हो जाते हैं

और जब यह ब्रेकडाउन रेट से ज्यादा हो जाएंगे तो आपको मसल गेन होने लगेगा जिसको की पॉजिटिव प्रोटीन बैलेंस कहा जाता है इसी तरीके से आपकी बॉडी एनाबोलिक और कैथोलिक स्टेट में हर समय और हर दिन रहती है.

अब थोड़ी एक्सरसाइज के बाद में बात कर लेते हैं

Now let’s talk after some exercise in Hindi – जब हम एक्सरसाइज करते हैं तो हमारी सेल डैमेज हो जाती है जो कि हमारे मसल फाइबर में मौजूद होती हैं और वह हमारी बॉडी में प्रोटीन सिंथेसिस के रेट को बढ़ाने के लिए सिग्नल भेजती है और जब हम प्रोटीन डाइट लेते हैं तो यह हमारे उन सेल को रिपेयर करने में मदद करती है हमारी बॉडी बहुत ही स्मार्ट है

जब हम इसको सही प्रोटीन डाइट देते हैं तो यह वहां पर सेल्स को रिपेयर करने के साथ-साथ नए सेल्स भी बना देता है ताकि आगे से ऐसी प्रॉब्लम ना हो इसी वजह से हमारी muscle ज्यादा मजबूत हो जाती है और पहले से बड़ी हो जाती है

इसीलिए बॉडी बिल्डर अपने बॉडी में प्रोटीन सिंथेसिस रेट बढ़ाने के लिए और प्रोटीन ब्रेकडाउन पेट कम करने के लिए कुछ नीचे बताए गए तरीके अपनाते हैं जिनमें से

  • हाई प्रोटीन और हाई कार्ब डाइटिंग
  • लगातार मसल पर ओवरलोडिंग.
  • वर्कआउट से पहले और वर्कआउट के बाद में सही न्यूट्रीशन लेना
  • सोने से पहले प्रोटीन
  • सप्लीमेंट लेना
  • कई case में बॉडी बिल्डर स्टेरॉयड और ड्रग्स का इस्तेमाल भी करते हैं ताकि वह अपनी मसल्स में ज्यादा से ज्यादा प्रोटीन सिंथेसिस रेट बढ़ा पाएं.

तो अब आपको पता लग गया होगा कि प्रोटीन हमारी मसल को कैसे grow करता है और इसके पीछे का क्या विज्ञान है. तो वह अगर आपको इसके बारे में कुछ और पूछना है तो आप नीचे कमेंट बॉक्स में लिखकर हमसे पूछ सकते हैं हम आपका जल्दी से जल्दी रिप्लाई देने की कोशिश करेंगे. Science Behind Muscle Building Hindi 

4 thoughts on “प्रोटीन और मसल ग्रोथ के पीछे का विज्ञान”

  1. MUJHE GYM START KIYE 2 WEEK HO GYE HAI MAI MORNING ME RUNNING AUR PUSHUP UPS KARTA HOO 3 KM RUNNING AUR 100 PUSHUPS AUR EVENING ME STRENGTH TRAINING KARTTA HOON ISKE BAAD BHI FAT ME KAMI NHI HO RHI HO

  2. MUJHE GYM START KIYE 2 WEEK HO GYE HAI MAI MORNING ME RUNNING AUR PUSHUP UPS KARTA HOO 3 KM RUNNING AUR 100 PUSHUPS AUR EVENING ME STRENGTH TRAINING KARTTA HOON ISKE BAAD BHI FAT ME KAMI NHI HO RHI HO

  3. MUJHE GYM START KIYE 2 WEEK HO GYE HAI MAI MORNING ME RUNNING AUR PUSHUP UPS KARTA HOO 3 KM RUNNING AUR 100 PUSHUPS AUR EVENING ME STRENGTH TRAINING KARTTA HOON ISKE BAAD BHI FAT ME KAMI NHI HO RHI HO

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