आदिमानव का इतिहास
आदिमानव का इतिहास
आज से6.5 से करोड साल पहले एस्ट्रॉयड का टुकड़ा पृथ्वी से जा टकराया था बादल फटने लगे थे जिन्होंने सूरज को ढक लिया और 25 किलो से ज्यादा वजन वाले जीव मर चुके थे डायनासोरों का काल जा चुका था एक नई पीढ़ी की शुरुआत होने लगी थी जहां एक प्रजाति का जन्म हुआ जिसका नाम था मैमल्स इस जीव जिन्होंने खुद को भी इस महान विनाश से बचा लिया था यह अत्यधिक तापमान से बचने के लिए धरती के अंदर रहने लगी थी और जिंदा रहने के लिए इन्होंने मिट्टी तक खाना शुरु कर दिया था और इस महान प्रलय के जाने के पास समय के साथ धरती फिर से सामान्य हो गई थी और फिर से नए पेड़ पौधों का विकास होने लगा था
धरती पर जो 5% जिव बच चुके थे उनमें अडॉप्टेड रेडिएशन की प्रक्रिया बहुत सी प्रजातियां जन्म लेने लगी थी 55 करोड़ साल पहले बंदर जैसी प्रजातियों ने जन्म लिया शुरू में इनकी आंखें सिर में आगे की तरफ थी इनके सिर में जो मैग्नम था वह धीरे-धीरे कमर में आने लगा जिससे एक नई प्रजाति का निर्माण हुआ जो कि अब सीधे खड़े होने में सक्षम थे 3. करोड़ साल पहले ग्लोबल पुलिंग हुई घास के मैदान बढ़ने लगेऔर जंगल कटने लगे उस समय ऐसे जानवरों का निर्माण हुआ जो खुले में रहने में सफल थे उन्हीं में से दूसरे जानवरों को खाने वाले जानवर भी विकसित होने लगे करीब 1.करोड साल पहले पृथ्वी वह रूप लेने लगी थी उसे आज हम देख रहे हैं
धरती का वातावरण लगभग आज के समान बन गया था सारे महासागर महाद्वीप जाने पहचाने जैसे थे लेकिन परिस्थितियां फिर से बदल गई और करीब 40 लाख साल पहले में धरती पर फिर से हलचल हुई अमेरिका के पूर्वी इलाकों में एक बार फिर से पर्वत श्रंखला बनी इस पर्वत श्रंखला के कारण यहां के हरे-भरे जंगल खत्म हो चुके थे और यहां बारिश आना बंद हो गई और यहीं से शुरू हुआ हम मनुष्य का जन्म यही इस जंगल में रहते थे ग्रेटहिप्स इन्हीं से हम मनुष्यों का जन्म शुरू हुआ था यह बेरूला कहलाते थे यही हमारे पूर्वज थे यह पेड़ों पर रहते थे और फल खाते थे और हाथों से झूलते हुए चलते थे कभी-कभी यह चलकर भी जाया करते थे |आदिमानव का इतिहास
मनुष्य जीवन की शुरुआत
हमारी सोच के विपरीत चलने की क्षमता जमीन पर नहीं बल्कि टहनियों पर विकसित हुई इस तरह दोनों पैरों पर चलना इंसानों की नहीं बल्कि हेप्स की खोज की और परिस्थितियों के अनुकूल बदलते रहे खुद चिंपैंजी और गोरिल्ला में विकसित होने लगे और कुछ इंसानों के समान विकसित होने लगे यह पूरे अफ्रीका में फैले हुए थे बारिश बंद होने की वजह से यहां के जंगल सूखने लगे जंगल सूख जाने का असर इन पर पड़ने लगा जिसकी वजह से इनको खाने की समस्या होने लगी जिसकी वजह से यह है पेड़ों से उतरकर अब जमीन पर अपने कदम रखने लगे
यह हमारे पूर्वज थे जिन्होंने जमीन पर मानव सभ्यता का पहला कदम रखा इनका दिमाग एक सेब जितना बड़ा था और इनकी लंबाई लगभग 4 फीट तक थी यह हमारे वंश के सबसे पहले सीधे चलने वाले प्राणी थे कई सालों के विकास के बाद यह दो पैरों पर चलने लगे इससे ऊर्जा कम खर्च होती थी और यह चलते-चलते भी खाने लगे थे दो पैरों पर चलने से अब यह सीधे खड़े होकर दूर दूर तक नजर रखते थे|आदिमानव का इतिहास
आग की शुरुआत किसने की
समय के साथ इनका दिमाग विकसित होने लगा और आगे चलकर एक और प्रजाति हुई जिसका नाम था एबीकस इन्होंने सबसे पहले पत्थर को हथियार की तरह इस्तेमाल करना शुरू किया जैसे ही इस मामूली से पत्थर पर धारदार किनारा बना हमारे पूर्वजों को हथोड़ा मिल गया अब यह बहुत सारे काम कर सकते थे समय के साथ अब हमारे पूर्वज समूह में रहकर अन्य जानवरों का शिकार करने लगे थे homo habilis प्रजाति ने सबसे पहले आग की खोज की थी
यह काफी बुद्धिमान थे यह को इन के लिए सबसे बड़ी खोज थी इन्होंने धीरे-धीरे आग पर मांस पकाना सीख लिया था अब आग पर खाना पकाने की वजह से इन को बचाने के लिए कम ऊर्जा लगती थी जिसकी वजह से यह ऊर्जा उनके दिमाग में विकसित होने लगी अब ज्यादा ताकत मिलने लगी करीब 2 लाख साल पहले यह पूरी तरह इंसान के रूप में बन चुके थे अब ले रींगस आवाज की नली ऊपर आ चुकी थी थी इसके बाद हमने बोलना शुरू कर दिया था पहली बार कोई जानकारी एक से दूसरे इंसान तक पहुंचने लगी थी यही वह आखरी विकास था इसके बाद पूरी तरह इंसानों की प्रगति बदलने लगी|आदिमानव का इतिहास
मानव जीवन का विकास
करीब 1.लाख साल पहले हमारे पास हथियार होने लगे थे हम बात कर सकते थे और हम कहीं भी आ- जा सकते थे अब हम अपने अपने घर को बड़ा करने की कोशिश में जुटे हम इंसानों के अब दूर दूर जाने से बहुत बदलाव आने लगा अब हम एक महाद्वीप से दूसरे महाद्वीप पर जा सकते थे इसी वजह से हमारे पूर्वज उन चीजों से बचे रहे जो वानरों के मुकाबले दूसरे बड़े स्तनधारी हमेशा के लिए खत्म हो गए थे|आदिमानव का इतिहास
संस्कृति और सभ्यता का जन्म
आज से 50.हजार साल पहले एक बड़ा तूफान north पुल से उड़ने उस समय इंसान चायना और ऑस्ट्रेलिया तक पहुंच चुका था 30 हजार साल पहले इंसान यूरोप तक पहुंच गया था उस समय बर्फ महाद्वीपों को पूरी तरह से गेरे हुए थी इसके बाद इंसान ने उस ठंड के वातावरण में अपने आप को डाल लिया था इसके बाद उनके सोचने समझने की शक्ति और अधिक बढ़ गई थी इसके बाद इंसान अपनी बस्ती बसाने लगा समय के साथ इंसान के शरीर में बदलाव होने लगा
अब इंसान ने खेती करना सीख लिया था इससे हमारी सभ्यता और संस्कृति का जन्म हुआ धीरे-धीरे इंसान को विज्ञान और गणित का ज्ञान हुआ जिसकी वजह से इंसान को भविष्य की तकनीक मिली इसके इंसान बाद पूरी तरह से विकसित हो गया था आज हम जान सकते हैं कि हम कौन हैं क्या कर रहे हैं |आदिमानव का इतिहास