कपिल देव का जीवन परिचय

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कपिल देव का जीवन परिचय 

भारत में क्रिकेट के प्रति लोगों का जुनून देखकर कहा जाता है कि यह कोई खेल नहीं रहा बल्कि एक ऐसा धर्म हो गया है, जिसमें खिलाड़ी ही भगवान बन चुके हैं यहां कपिल देव का नाम किसी परिचय का मोहताज नहीं है कपिल विश्व के महानतम ऑलराउंडर  क्रिकेटरों में गिने जाते हैं क्रिकेट के विश्व कप की चर्चा इनकी चर्चा के बिना पूरी नहीं हो सकती इन्हीं के नेतृत्व में भारत ने वर्ष 1983 में प्रथम बार क्रिकेट का विश्व कप जीतने का अभूतपूर्व गौरव प्राप्त किया था

कपिल देव को ‘हरियाणा तूफान’ के नाम से भी जाना जाता था 1947 में हुए बंटवारे से पहले उनके माता-पिता पाकिस्तान में रहते थे और बंटवारे के समय उन्होंने भारत में रहना चुना भारत में कपिल देव के दो भाइयों का जन्म हुआ था कपिल देव के चार बहन भी है जिनका पाकिस्तान में जन्म हुआ था कपिल देव अपने कंधों को मजबूत करने के लिए लकड़ी की कटाई किया करते थे | कपिल देव का जीवन परिचय |

कपिल देव का जन्म 

कपिल देव का जन्म 6 जनवरी 1959 को पंजाब के चंडीगढ़ में हुआ था वह दाहिने हाथ से ही बल्लेबाजी किया करते थे उनके पिता का नाम रामलाल निखंज था जो कि एक लकड़ी का कारोबार किया करते थे उनकी माता जी का नाम ‘राजकुमारी’ था उन्होंने अपनी स्कूली पढ़ाई चंडीगढ़ से ही पूरी की थी 13 वर्ष की छोटी सी आयु में ही कपिल देव ने क्रिकेट खेलना शुरू कर दिया था स्कूल के समय से ही वह अच्छा क्रिकेट खेला करते थे

बचपन से ही कपिल देव की क्रिकेट में काफी रूचि थीइस खेल के प्रति दीवानगी के कारण ही वे पढ़ाई में मन नहीं लगा सके और इसी में करियर बनाने में खुद को केंद्रित कर लिया स्कूल की पढ़ाई के बाद क्लोप में क्रिकेट खेलने लगे फिर 1975 में उन्हें हरियाणा की तरफ से रांची मैच खेलने का मौका मिला इस मैच में उनकी गेंदबाजी बहुत ही जबरदस्त रही थी एक सीजन में उन्होंने 121 विकेट हासिल किए थे

उस समय उनकी आयु केवल 16 वर्ष थी घरेलू क्रिकेट में उनके धमाकेदार प्रदर्शन को देखते हुए उन्हें पाकिस्तान के खिलाफ होने वाले भारतीय सीरीज मैच में जगह मिल गई उन्होंने अपना पहला अंतरराष्ट्रीय मैच 16 अक्टूबर 1978 को पाकिस्तान के खिलाफ खेला था उस समय उनकी आयु केवल 19 वर्ष थी उन्होंने एक बेहतरीन ऑलराउंडर की भूमिका निभाते हुए गेंदबाजी और बल्लेबाजी दोनों में ही अपना कमाल दिखाया था थोड़े समय के बाद ही कपिल देव “हरियाणा हरिकेन” के रूप में मशहूर हो गए इसके बाद उन्होंने वेस्टइंडीज में अपना पहला शतक लगाया था

उनकी बॉल में रन बनाना बल्लेबाजों के लिए काफी मुश्किल हो जाता था इस मैच में उन्होंने 253 विकेट गिराए थे उन्होंने 131 टेस्ट मैच खेले थे वह दुनिया के पहले ऐसे खिलाड़ी थे जिन्होंने टेस्ट मैच में 400 से अधिक विकेट हासिल किए थे उनके बेहतरीन प्रदर्शन के लिए उन्हें बहुत सारे अवार्ड से नवाजा गया था साल 1980 में उन्हें अर्जुन अवार्ड दिया गया था इसके बाद 1982 में उन्हें राष्ट्रपति द्वारा ‘पदम भूषण’ पुरस्कार दिया गया इसके बाद उन्हें ‘पदम श्री’ पुरस्कार दिया गया | कपिल देव का जीवन परिचय |

कपिल देव की वर्ल्ड कप जीता 

कपिल देव ने 1983 में वेस्टइंडीज में जीत हासिल करके पहला वर्ल्ड कप हासिल किया था कपिल देव ने भारतीय टीम की सेवा करते हुए1994मे संन्यास ले लिया कपिल देव को फिल्म में एक्टिंग करने का बहुत शौक था उन्होंने कई बॉलीवुड फिल्मों में छोटे-मोटे किरदार निभाए हैं लेकिन एक्टिंग कैरियर में उन्हें कोई भी सफलता हासिल नहीं हुई थी इसलिए वह एक्टिंग छोड़कर कोच बन गई

कपिल देव ने फिल्म छोड़ने के बाद कई किताबें भी लिखी उन्होंने अपनी जिंदगी में चार किताबें लिखी है जिन्हें लोगों ने बहुत पसंद किया है साल 1980 में कपिल देव ने रोमी भाटिया नाम की एक लड़की से शादी कर ली उनकी एक बेटी है 23 अक्टूबर 2020 को वह आर्ट अटैक के शिकार भी हुए हैं फिर उन्हें एक हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया जहां पर सफल सर्जरी के बाद अब वह बिल्कुल स्वस्थ है और कई टीवी शो में काम भी करते हैं 

| कपिल देव का जीवन परिचय |

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