श्वासनली में शोथ के कारण लक्षण व आयुर्वेदिक उपचार

श्वासनली में शोथ के कारण लक्षण व आयुर्वेदिक उपचार

जैसा कि आप सभी जानते हैं हमारे शरीर के अलग-अलग भागों में अलग-अलग प्रकार के रोग होते हैं और यह सभी लोग अलग-अलग जगहों पर होते हैं

तो इसी तरह से श्वासनली से संबंधित भी कुछ ऐसे रोग होते हैं जो कि हमारी स्वसन क्रिया में बाधा डालते हैं जिनसे हमारे शरीर में सांस लेने में तकलीफ होने लगती है तो इसी तो इसी तरह से श्वासनली में शोथ होना भी एक ऐसा रोग है जो कि रोगी को बहुत परेशान करता है

और इससे रोगी को सांस लेने में कठिनाइयां आती है जिसके कारण रोगी को और रोग भी हो सकते हैं तो आज के इस ब्लॉग में हम श्वासनली में शोथ से संबंधित जानकारी देने वाले हैं इस ब्लॉग में हम श्वासनली में शोथ होने के कारण लक्षण व उपचार आदि के बारे में बताएंगे

श्वसन नली में शोथ

Respiratory tract inflammation in Hindi – जब हमारे शरीर के किसी दूसरे भाग में कोई रोग उत्पन्न हो जाता है तब हम उसके ऊपर इतना ज्यादा ध्यान नहीं देते लेकिन जब किसी रोगी को श्वासनली से संबंधित कोई भी तकलीफ होती है तब उसको सबसे पहले इसके बारे में जानकारी हो जाती है

अगर हमारी श्वासनली में कुछ समय के लिए भी कोई समस्या उत्पन्न हो जाती है तब हमारे शरीर में ऑक्सीजन न पहुंचने से हमें घबराहट होने लगती है तो इसी तरह से जब हमारी श्वासनली में किसी कारणवश सूजन या इंफेक्शन हो जाता है और हमें सांस लेने में तकलीफ होती है और इसी समस्या को स्वसन नली का शोथ भी कहा जाता है

अंग्रेजी में इस समस्या को ब्रोंकाइटिस के नाम से जाना जाता है यह रोग मुख्य रूप से छोटे बच्चों या अधिक उम्र के बुड्ढे लोगों में देखने को मिलता है और जब रोगी की श्वासनली में सूजन आ जाती है तब इससे रोगी को बार बार खांसी आने लगती है

या इसके अलावा रोगी को सांस लेने में भी तकलीफ होने लगती है और यह रोग मुख्य रूप से दो प्रकार का होता है जिसको तीव्र श्वासनली और चिरकारी श्वसनी शोथ के नाम से जाना जाता है

श्वसन नली में शोथ होने के कारण

Causes of inflammation in the respiratory tract in Hindi – अगर इस समस्या के उत्पन्न होने के कारणों के बारे में बात की जाए तो इस समस्या के उत्पन्न होने के कई मुख्य कारण होते हैं जैसे कई बार हमारे शरीर में वायु के साथ बिल्कुल छोटे जीवाणु श्वसन नली में प्रवेश कर जाते हैं और जिन से वह हमारे हमारी स्वसन नलिका को प्रभावित करते हैं

जिसके कारण रोगी को बार बार खींचे वह खासी आने लगती है और बार-बार यह समस्या होने पर हमारी स्वसन नली में शोथ उत्पन्न हो जाता है इसके अलावा रोगी का ज्यादा शराब, तंबाकू, बीड़ी, सिगरेट आदि का सेवन करना, ज्यादा तली भुनी हुई चीजों का सेवन करना, ज्यादा गर्म व ज्यादा ठंडी चीजों का सेवन करना,

रोगी को ज्यादा कठोर भोजन का सेवन करना, रोगी का ज्यादा धूल भरे इलाके में काम करना, रोगी का पत्थर की चट्टानों में काम करना, रोगी की श्वसन नली पर गहरी चोट लगना, रोगी का गंदे पानी में गंदे भोजन का सेवन करना, लगातार धुँए वाली जगह पर काम करना,

रोगी का किसी फैक्ट्री मिल आदि में काम करना आदि कारण हो सकते हैं लेकिन यह रोग महिलाओं में ज्यादा होता है और इसके साथ ही जब किसी इंसान की उम्र 40 वर्ष से ज्यादा हो जाती है तो उनमें भी यह रोग देखने को मिल सकता है

श्वसन नली में शोथ के लक्षण

Symptoms of respiratory tract inflammation in Hindi – जब किसी इंसान की श्वसन नली से जुड़ा हुआ कोई भी रोग या कोई भी समस्या उत्पन्न होती है तब इसके सबसे ज्यादा लक्षण दिखाई देते हैं उसको सबसे पहले इसके बारे में जानकारी भी हो जाती है

लेकिन इसके कोई कई मुख्य लक्षण होते हैं जैसे गले में खराश होना, रोगी की नाक बंद रहना, रोगी को हल्का बुखार रहना, रोगी को बेचैनी, घबराहट होना,

रोगी को बार बार उल्टी खांसी व छींके के आना रोगी के सिर में हल्का दर्द रहना, रोगी को सांस लेने में तकलीफ होना, रोगी का बदन बिल्कुल थक जाना, रोगी का गला सूखा रहना, रोगी को बार-बार प्यास लगना या इसके अलावा भी इस समस्या में आपको कई और भी लक्षण देखने को मिल सकते हैं

बचाव

जब किसी इंसान की सबसे नली में शोथ हो जाता है तब उसको इसके बचाव के लिए भी कुछ ऐसी बातों का ध्यान रखना होता है जिनसे उसका यह रोग ज्यादा ना बढ सके और उसको जल्दी से जल्दी नियंत्रित करके ठीक किया जा सके

  • रोगी को ज्यादा कठोर भोजन का सेवन नहीं करना चाहिए
  • रोगी को ज्यादा मिर्च मसालेदार भोजन का भी सेवन नहीं करना चाहिए
  • रोगी को शराब तंबाकू चाय बीड़ी सिगरेट आदि का सेवन बिल्कुल भी नहीं करना चाहिए
  • रोगी को धूल भरे इलाके में जाने से बचना चाहिए
  • अगर रोगी किसी फैक्ट्री मिल आदि में काम कर रहा है तो उसको वहां जाने से बचना चाहिए
  • रोगी को ज्यादा देर तक बंद कमरे में नहीं रहना चाहिए
  • रोगी को बाहर जाते समय अपनी नाक को ढकना चाहिए
  • रोगी को दूध और दूध से बने पदार्थों का सेवन नहीं करना चाहिए

क्या करना चाहिए

  • रोगी को सुबह-सुबह हल्का व्यायाम करना चाहिए
  • रोगी को बिल्कुल नरम अनाज का सेवन करना चाहिए
  • रोगी को साफ व स्वस्थ और हवादार कमरे में रहना चाहिए
  • रोगी को सुबह-सुबह खुली हवा में लंबी सांसे लेनी चाहिए
  • रोगी को रोगी के भोजन में हर रोज अदरक और लहसुन डालना चाहिए

उपचार

  • रोगी को कच्चे प्याज का सेवन करना चाहिए इससे आपके इससे आपकी स्वसन नली में शोथ से तुरंत राहत मिलती है
  • रोगी को हर्बल टी और सूप आदि का सेवन करना चाहिए
  • रोगी को ज्यादा से ज्यादा अखरोट बदाम जैसी चीजों का सेवन करना चाहिए
  • रोगी को पालक गाजर और मूली आदि चीजों का सेवन करना चाहिए
  • रोगी को नीलगिरी के तेल से अपनी छाती पर मालिश करनी चाहिए
  • रोगी को नीलगिरी के तेल को गर्म पानी में डालकर उसकी भाप लेनी चाहिए
  • रोगी को एक एक चम्मच अलसी, तिल और शहद को एक चुटकी नमक के साथ मिलाकर खाना चाहिए
  • रोगी को गर्म पानी में एक चम्मच नमक डालकर दिन में तीन से चार बार गरारे करने चाहिए
  • रोगी को दिन में तीन चार बार दालचीनी का सेवन करना चाहिए

लेकिन फिर भी अगर किसी इंसान के श्वसन नली में शोध ठीक नहीं हो रहा है तो उसको तुरंत डॉक्टर के पास जाना चाहिए और डॉक्टर से सलाह लेनी चाहिए क्योंकि अगर इस रोग का समय पर इलाज ने करवाया जाए तो यह रोग धीरे-धीरे बढ़ने लगता है और इससे आपको कई और भी समस्याएं उत्पन्न हो सकती है

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