पित्ताशय में सूजन के कारण लक्षण व उपचार
इससे पिछले ब्लॉग में हमने आपको गुर्दे की पथरी के लक्षण कारण व आयुर्वेदिक उपचार के बारे बताया था लेकिन अगर किसी इंसान के शरीर में लंबे समय तक गुर्दे की पथरी रह जाती है तब उसके शरीर में और कई बीमारियां उत्पन्न होने लगती है
इसी तरह से गुर्दे की पथरी के कारण उत्पन्न होने वाले एक रोग का नाम पित्त की थैली की सूजन भी है और यह एक खतरनाक बीमारी है जिससे रोगी बहुत परेशान होता है और रिसर्च में ऐसा पाया गया है
कि जिन लोगों में पित्ताशय जिन लोगों में पथरी की समस्या उत्पन्न होती है उन्हीं लोगों में सबसे ज्यादा पित्ताशय सुजन की समस्या भी देखी जाती है तो आज के इस ब्लॉग में पित्ताशय की सूजन उत्पन्न होने के कारण लक्षण व उपचार आदि के बारे में बताएंगे
पित्ताशय में सूजन होना
Inflammation of gall bladder in Hindi – जिन लोगों के शरीर में पित्ताशय में संक्रमण या पथरी के कारण घाव उत्पन्न होने पर पित्त रस जमा होने लगता है इस स्थिति में रोगी के पित्ताशय में सूजन उत्पन्न होने लगती है और इससे उसको बहुत पीड़ा भी होती है और इस रोग को सामान्य भाषा में पित्ताशय की सूजन के रोग के नाम से ही जाना जाता है
लेकिन अंग्रेजी में इस रोग को पित्ताशय में सूजन होना का नाम दिया गया है आपको पता होगा कि पित्ताशय वाहिनी एक प्रकार की ट्यूब के जैसी नलकी होती है
जो कि हमारे शरीर के पित्ताशय से पदार्थों को बाहर ले जाती है और जब रोगी के शरीर में पित्ताशय की नली में पथरी उत्पन्न हो जाती है तब यह इस ट्यूब से पदार्थों को बाहर ले जाने में रुकावट पैदा करती है जिससे पित्ताशय में पित्त रस जमा होने लगता है और इसके दबाव से ही शरीर में कई प्रकार की अन्य बीमारियां भी उत्पन्न होने लगती है और इससे रोगी के शरीर में संक्रमण फैलने का भी खतरा बढ़ जाता है
पित्ताशय की सूजन के कारण
Causes of inflammation of gall bladder in Hindi – अगर इस समस्या के उत्पन्न होने के कारणों के बारे में बात की जाए तो जैसा कि हमने आपको ऊपर भी बताया इस समस्या के उत्पन्न होने का सबसे बड़ा और मुख्य कारण रोगी के शरीर में पथरी उत्पन्न होना ही है लेकिन इसके अलावा भी इस समस्या के कई और कारण हो सकते हैं
जैसे रोगी कि पित्त की नली में ट्यूमर होना, रोगी के शरीर में रक्त वाहिकाओं से संबंधित समस्याएं उत्पन्न होना, रोगी के पित्ताशय में खून साँचर ना होना,
रोगी के पित्ताशय में संक्रमण होना, रोगी के पेट पर गंभीर चोट लगना, रोगी के शरीर में किसी कारणवश ऑपरेशन करवाना जिससे रोगी के पित्ताशय में सूजन आना, रोगी की पित्ताशय नलिकाएं कमजोर होना,
इसके अलावा रोगी की उम्र ज्यादा बढ़ना, रोगी में मोटापा उत्पन्न होना, रोगी के हारमोंस में बदलाव आना, महिलाओं में गर्भावस्था के दौरान पित्ताशय में सूजन उत्पन्न होना ,रोगी का वजन तेजी से घटना या बढ़ना और इसके अलावा भी इसके कुछ और कारण हो सकते हैं
पित्ताशय की सूजन के लक्षण
Symptoms of gallbladder inflammation in Hindi – जिस तरह से इस समस्या के उत्पन्न होने के पीछे कई प्रकार के कारणों का हाथ होता है उसी तरह से इस समस्या के उत्पन्न होने पर रोगी के शरीर में कई प्रकार के लक्षण भी देखने को मिलते हैं
जैसे रोगी का पेट फुला हुआ दिखाई देना, रोगी के शरीर का रंग मटमैला हो जाना, रोगी की आंखें सफेद या पीली हो जाना, रोगी की त्वचा पीली होना, रोगी को हल्का या एकदम से तेज बुखार होना, रोगी को हल्की हल्की ठंड लगना, रोगी को भूख कम लगना, रोगी को बार बार उल्टी आना,
वह पसीना आना, रोगी को चक्कर आना, रोगी के पेट में हल्का व तेज दर्द होना, खाना खाने के बाद दर्द और बढ़ जाना, रोगी का वजन बढ़ना या एकदम से वजन घट जाना, रोगी की नाड़ी एकदम से तेज या कम चलना, रोगी को दर्द उत्पन्न होने पर चीखने चिल्लाने का मन करना, रोगी की धड़कनें बढ़ जाना, रोगी का जी मचलना व रोगी का स्वभाव गुस्सैल होना इस प्रकार के लक्षण इस समस्या के उत्पन्न होने पर दिखाई देते हैं
बचाव व उपाय
- रोगी को लक्षण दिखाई देते ही जल्दी से जल्दी डॉक्टर के पास जाना चाहिए
- रोगी को को अपने पेट का अल्ट्रासाउंड करना चाहिए
- रोगी को चोलेंनजियोग्राफी टेस्ट करवाना चाहिए
- रोगी को डॉक्टर की सलाह के अनुसार सभी दवाइयों का सेवन करना चाहिए
- रोगी को समय-समय पर चेकअप करवाना चाहिए
क्या-क्या करना चाहिए
- रोगी को खाना पीना कम कर देना चाहिए जिससे रोगी की पित्ताशय नलिका ऊपर दबाव कम पड़ेगा
- रोगी को दर्द होने पर तुरंत डॉक्टर के पास जाना चाहिए वह दवाई का सेवन करना चाहिए
- रोगी को एंटीबायोटिक दवाई का इस्तेमाल करना चाहिए इससे आपके पित्ताशय में इंफेक्शन कम हो जाएगा
- समस्या ज्यादा बढ़ने पर रोगी को सर्जरी करवा लेनी चाहिए
- रोगी को अपना मोटापा कम करना चाहिए इसके लिए कम कैलोरी वाले भोजन का सेवन करना चाहिए
- रोगी को हर रोज व्यायाम व प्राणायाम आदि करने चाहिए
- रोगी को भोजन में कम अवस्था में कम फाइबर वाले भोजन का सेवन करना चाहिए
क्या नहीं करना चाहिए
- रोगी को ज्यादा कठोर व तले हुए भोजन का सेवन नहीं करना चाहिए
- रोगी को ज्यादा भार नहीं उठाना चाहिए
- रोगी को बिना भूख के भोजन नहीं करना चाहिए
- रोगी को अपने शरीर में कब्ज की समस्या उत्पन्न नहीं होने देनी चाहिए
- रोगी को ज्यादा एलोपैथिक दवाओं आदि का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए
- रोगी को शराब तंबाकू बीड़ी सिगरेट आदि नशीली पदार्थों का सेवन नहीं करना चाहिए
- रोगी को ज्यादा मिर्च मसालेदार भोजन का सेवन नहीं करना चाहिए
लेकिन फिर भी अगर किसी इंसान के पित्ताशय में सूजन की समस्या उत्पन्न हो जाती है तब उसको तुरंत डॉक्टर के पास जाना चाहिए और अपने टेस्ट आदि करवा कर इलाज करवाना चाहिए क्योंकि यह एक खतरनाक बीमारी है इससे रोगी को बहुत ज्यादा पीड़ा होती है समय पर इलाज न करवाने से इस समस्या के साथ दूसरी समस्याएं भी उत्पन्न हो सकती हैं
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