भारत के प्रसिद्ध महासागर का रहस्य, हिंद महासागर का रहस्य, हिंद महासागर में मिलने वाली नदियां , समुंदर का जन्म , प्रशांत महासागर, अटलांटिक महासागर, आर्कटिक महासागर
हिंद महासागर का रहस्य
हमारी पृथ्वी में,71% हिस्से में पानी ही पानी है जिसे जलमंडल कहा जाता है और इसी जलमंडल में पांच महासागर मौजूद हैं जिनमें सबसे बड़ा महासागर प्रशांत महासागर है दूसरा है ‘अटलांटिक महासागर’ और तीसरा है ‘हिंद महासागर’ और चौथा है ‘दक्षिणी महासागर’ और पांचवां और सबसे छोटा महासागर है ‘आर्कटिक महासागर’साइंस के क्षेत्र में हमने काफी तरक्की कर ली है मनुष्य ने समुंदर के 20% हिस्से का अध्ययन कर लिया है परंतु अब भी 80% हिस्सा बाकी है
आज भी हम मानव विशाल समुद्र की असीम गहराइयों से अनजान है हिंद महासागर विश्व के पांच महासागरों में दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा महासागर है हिंद महासागर पृथ्वी के 7% हिस्से में फैला हुआ है इस महासागर का नाम हमारे प्यारे देश हिंदुस्तान के नाम पर पड़ा है यह दुनिया का एकमात्र ऐसा महासागर है जिसका नाम किसी देश के नाम पर पड़ा है इस महासागर को संस्कृत की पुस्तक में रत्नाकर नाम से बुलाया जाता है जिसका अर्थ होता है रत्न उत्पन्न करने वाला महासागर
हिंदू महा ग्रंथ में इस महासागर को हिंदू महासागर के नाम से जाना जाता है हिंद महासागर को युवा महासागर भी कहा जाता है इस महासागर का जन्म लगभग 73 करोड वर्ष पहले हुआ था हिंद महासागर का पानी अन्य महासागरों की तुलना में गर्म माना जाता है कभी-कभी इस महासागर का पानी 36 डिग्री सेल्सियस पहुंच जाता है हिंद महासागर का कुल क्षेत्रफल 7करोड़ 5 लाख 60 हजार किलोमीटर है
हिंद महासागर की चौड़ाई लगभग 10,000 किलोमीटर है जिसमें लाल सागर और फारस की खाड़ी भी शामिल है हिंद महासागर की गहराई 8047 मीटर है हिंद महासागर में हजारों द्वीप मौजूद हैं इन सब में सबसे बड़ा श्रीलंका और मेडागास्कर है हिंद महासागर में पानी का बहाव साल में दो बार परिवर्तित होता है गर्मियों में मानसून की हवाओं के कारण पानी का बहाव भारत की ओर होता है तथा सर्दियों में अफ्रीका की ओर बहने लगता है | भारत के प्रसिद्ध महासागर |
हिंद महासागर में मिलने वाली नदियां
हिंद महासागर में सिंधु, गोदावरी, कृष्णा, नर्मदाऔर इसके अलावा दो सबसे बड़ी नदी ब्रह्मपुत्र और गंगा हिंद महासागर में जाकर मिलती है यह नदियां 2000 किलोमीटर दूरी से मिट्टी लाकर समुंदर में डालती है जिनसे नदियों के मुहाने पर कई टापू बन जाते हैं इनमें से कई ऐसे द्वीप भी बन जाते हैं जिनकी प्राकृतिक सुंदरता विश्व में और कहीं नहीं देखी जा सकती यह पर्यटकों के लिए आकर्षण का केंद्र होता है
हिंद महासागर का सबसे गहरा घर चावा ट्रेंच है जिसकी गहराई 7730 मीटर है हिंद महासागर एशिया, यूरोप, अफ्रीका महाद्वीप को जोड़ता है जो कि व्यापार की दृष्टि से विशेष महत्व रखता है भारत का 70% अंतरराष्ट्रीय व्यापार हिंद महासागर से होता है हिंद महासागर की सीमा 40 देशों को छूती है हिंद महासागर देशों की अर्थव्यवस्था को मजबूत बनाए रखने में अहम भूमिका निभाता है| भारत के प्रसिद्ध महासागर |
समुंदर का जन्म
जब पृथ्वी का निर्माण हो रहा था तब हमारी पृथ्वी आग के गोले के समान आकाश में तैर रही थी जैसे पृथ्वी धीरे-धीरे ठंडी होने लगी तो उसके चारों तरफ गैस के बादल फैल गए जब पृथ्वी ठंडे हुए तो यह बादल बहुत भारी हो गए थे इन बादलों से कई वर्षों तक मूसलाधार बारिश होती रही उस समय पृथ्वी की सतह गर्म हुआ करती थी जो भी बारिश होती वह फिर से भाप बनकर ऊपर उड़ जाती
वायुमंडल में बादल बनकर वह फिर से बरसने लगता था लाखों वर्षों तक यह प्रक्रिया चलती रही जब यह पृथ्वी पूरी तरह ठंडी हुई तब इसमें पड़ने वाला पानी उबल नहीं पाता था लेकिन बारिश होने का सिलसिला चलता रहा पृथ्वी के निचले हिस्से में यह पानी भर चुका था पानी से भरा पृथ्वी की सतह का यह विशाल गड्ढा ही बाद में समुंदर कहलाया | भारत के प्रसिद्ध महासागर |
प्रशांत महासागर
प्रशांत महासागर सबसे बड़ा महासागर है इस महासागर को शांत महासागर भी कहा जाता है प्रशांत महासागर का क्षेत्रफल कुल 16 करोड 52लाख 46हजार वर्ग किलोमीटर है यह दुनिया का सबसे गहरा महासागर है प्रशांत महासागर में लगभग 21000 द्वीप है प्रशांत महासागर की सीमा लगभग 55 देशों को छूती है प्रशांत महासागर का सबसे गहरा स्थान मरीना ट्रेंच है यह महासागर इतना गहरा है कि इसमें माउंट एवरेस्ट भी समा सकता है इस समुंदर की गहराई में असंख्य जीव जंतु पाए जाते हैं
अटलांटिक महासागर
इस महासागर का नाम यूनानी देवता एटलस के नाम पर पड़ा था जिसे हम अंध महासागर के नाम से भी जानते हैं अंध महासागर के नाम से भी जानते हैं पृथ्वी सौरमंडल में एक ऐसा ग्रह है सौरमंडल में एक ऐसा ग्रह है जिस पर महासागर पाए जाते हैं यह विश्व का दूसरा सबसे बड़ा महासागर है इस महासागर का कुल क्षेत्रफल 10 करोड़ 65 लाख वर्ग किलोमीटर है इस महासागर की गहराई 8486 मीटर है इस महासागर में अन्य महासागरों की तुलना में अधिक मछलियां पाई जाती है
अटलांटिक महासागर को प्यासा महासागर भी कहा जाता है क्योंकि यह दुनिया की कुछ नदियों को अपने अंदर समा लेता है इस महासागर में 50 फीट तक ऊंची लहरें उठती है इस महासागर के पश्चिमी उत्तरी दिशा में बर्फ से बनी बड़ी-बड़ी चट्टाने हैं जिसमें एक 15 अप्रैल 1912 में एक ‘अलीशान जहाज’ टकरा गया था अटलांटिक महासागर में बरमुंडा नाम का एक त्रिभुज है इस जगह ने कई सारे जहाजों को अपने अंदर निगल लिया है
आर्कटिक महासागर
आर्कटिक महासागर क्षेत्रफल की दृष्टि से सबसे छोटा महासागर है इस महासागर का कुल क्षेत्रफल 1 करोड़ 40 लाख 60 हजार वर्ग किलोमीटर है यह महासागर पृथ्वी के 3% भाग को घेरे हुए हैं इस महासागर की गहराई 3406 फिट है आर्कटिक महासागर कई द्वीपों से गिरा हुआ है यह महासागर उत्तरी ध्रुव के चारों ओर फैला हुआ है
यह दुनिया के सबसे ठंडे स्थलों में से एक है यह महासागर पूरे साल जमा रहता है इस महासागर का पानी दूसरे महासागरों की तुलना में कम खारा है इस महासागर का पानी बहुत ही साफ है क्योंकि इसमें बहुत सी नदियां आकर मिलती है इस महासागर में मछलियों की कई सारी प्रजातियां पाई जाती है व्हेल मछली की 4 प्रजातियां इस महासागर में पाई जाती है
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