दीपावली क्यों मनाई जाती है इसका महत्व
दीपावली क्यों मनाई जाती है इसका महत्व
भारत में आए दिन कोई न कोई त्यौहार मनाया जाता है ऐसे में सभी त्योहारों की पूरी जानकारी होना एक सामान्य बात है भारत में अलग-अलग धर्मों के साथ उनकी विभिन्न मान्यताएं भी मौजूद है लेकिन सभी धर्मों के लोग सभी त्योहारों को मिलजुलकर और बड़े ही हर्षोल्लास से मनाते हैं यही तो हमारे देश की खूबसूरती है रोशनी का त्योहार दीपावली भारत के सबसे बड़े त्योहारों में से एक है यह त्योहार अंधकार पर प्रकाश की विजय को दर्शाता है यह त्यौहार 5 दिनों तक चलने वाला एक महापर्व है दीपावली का त्यौहार देश में ही नहीं बल्कि विदेशों में भी धूमधाम से मनाया जाता है दीपावली मनाने के पीछे कई मान्यताएं हैं
सनातन धर्म की मान्यता के अनुसार दिवाली के दिन ही श्री राम जी वनवास से अयोध्या लौटे थे अयोध्या वापस लौटने की खुशी में दीपावली मनाई गई थी मंथरा की गलत विचारों से भ्रमित होकर भरत की माता केकई ने श्रीराम को उनके पिता दशरथ से बनवास भेजने के लिए वचनबद्ध कर देती है मर्यादा पुरुषोत्तम राम अपने पिता के आदेश को मानते हुए अपनी पत्नी सीता और भाई लक्ष्मण के साथ 14 वर्ष के लिए बनवास पर निकल गए थे अपनी 14 वर्ष की वनवास पूरा करने के बाद श्री राम जी दीपावली के दिन अयोध्या वापस लौटे थे राम जी के वापस लौटने की खुशी में पूरे राज्य के लोगों ने रात में घी के दीपक जलाए थे उसी समय से दीपावली मनाई जाती है
दीपावली उत्सव कार्तिक की अमावस्या को मनाया जाता है यह वह दिन था जब भगवान बुद्ध ज्ञान प्राप्त कर अपने राज्य में वापस आए थे उनके वापस आने की खुशी में राज्य वासियों ने दीपक जलाए थे
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दीपावली का महत्व
दीपावली से पहले लोग घरों व दुकानों की सफाई का कार्य शुरू कर देते हैं वह अपने घरों को रंग और मरमत करवाना शुरू कर देते हैं बाजारों में गलियों को सजाया जाता है दीपावली के दिन लक्ष्मी की पूजा की जाती है धनतेरस- धनतेरस पर धन की देवी लक्ष्मी तथा देवता कुबेर की पूजा की जाती है इस दिन से दीपावली का यह महापर्व शुरू हो जाता है घर में रंगोली बनाई जाती है शुभ मुहूर्त में सोने, चांदी के बर्तन, गहने खरीदे जाते हैं इसके साथ ही घर के लिए नया सामान खरीदा जाता है इस त्यौहार को पटाखों की आवाज के साथ मनाया जाता है घर को तरह-तरह की लाइट से सजाया जाता है
गोवर्धन की पूजा -यह दीपावली का चौथा दिन होता है जिसमें छप्पन भोग बनाकर गोवर्धन की पूजा की जाती है यह त्यौहार ज्यादातर खेती करने वाले लोग मनाते हैं कई परिवार इस दिन अन्नकूट करते हैं और सभी साथी संगी को भोजन करवाते हैं
भाई दूज -यह सबसे आखरी दिन होता है जिसमें बहन भाई को तिलक करती है और शादीशुदा बहन भाई को भोजन पर आमंत्रित कर खुशी से भाई दूज बनाती है
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लक्ष्मी की पूजा क्यों की जाती है
पुराणिक कथा के अनुसार एक बार भगवान विष्णु लक्ष्मी जी के साथ पृथ्वी पर घूमने के लिए आए थे भगवान विष्णु लक्ष्मी जी से बोले मैं दक्षिण दिशा की ओर जा रहा हूं तुम यहीं ठहरो परंतु लक्ष्मी जी विष्णु जी के पीछे चल दी कुछ दूर चलने पर गन्ने का खेत मिला लक्ष्मी जी एक गन्ना तोड़कर खाने लगी जब भगवान लौटे और जब उन्होंने लक्ष्मी जी को गन्ना खाते हुए देखा तो क्रोधित होकर श्राप दे दिया यह खेत जिस किसान का है तुम उसके यहां 12 वर्ष तक कर उसकी सेवा करो
इसके बाद भगवान विष्णु शेषसागर में लौट गए इसके बाद लक्ष्मी जी ने किसान के यहां रह कर उसको धन-धान्य से परिपूर्ण कर दिया उस किसान को इस बात का पता नहीं था कि उसके घर में माता लक्ष्मी साधारण से रूप में निवास करती है 12 वर्ष के बाद लक्ष्मी जी भगवान विष्णु के पास जाने के लिए तैयार हो गई परंतु उस किसान ने उन्हें नहीं जाने दिया श्राप का समय पूर्ण होने पर भगवान विष्णु लक्ष्मी जी को लेने के लिए आए परंतु किसान ने लक्ष्मी जी को रोक लिया था इसके बाद भगवान विष्णु ने उस किसान से कहा कि तुम परिवार सहित गंगा स्नान के लिए जाओ और इन कोडियो को गंगाजल में छोड़ देना
तुम्हारे आने तक मैं यहीं रहूंगा इसके बाद उस किसान ने ऐसा ही किया जब किसान ने गंगाजल में उन कोडियो को डाला तो चार भुजा निकली जिसने उन कोडियों को अपने हाथों में ले लिया यह चारभुजा माता गंगा की थी माता गंगा ने किसान से पूछा कि तुम्हें यह किसने दी तब किसान ने कहा कि मेरे घर पर एक स्त्री और पुरुष आए हैं इसके बाद गंगा जी ने कहा वह भगवान विष्णु और लक्ष्मी जी है तुम लक्ष्मी जी को मत जाने देना नहीं तो तुम निर्धन हो जाओगे उस किसान ने घर लौटने पर लक्ष्मी जी को नहीं जाने दिया इसके बाद भगवान विष्णु ने उस किसान को समझाया कि मेरे श्राप के कारण लक्ष्मी जी तुम्हारी 12 वर्ष से सेवा कर रही है
लक्ष्मी जी बोली है हे -किसान यदि तुम मुझे रोकना चाहते हो तो कल धनतेरस है तुम अपना घर स्वच्छ रखना रात्रि को घी का दीपक जलाकर रखना मैं तुम्हारे घर आऊंगी जब तुम मेरी पूजा करोगे तो मैं अदृश्य रहूंगी उसके बाद उस किसान ने लक्ष्मी जी की बात को मान लिया और लक्ष्मी जी द्वारा बताई गई विधि से पूजा की इसके बाद मां लक्ष्मी की दीपावली पर पूजा की जाने लगी | दीपावली क्यों मनाई जाती है इसका महत्व |
लक्ष्मी जी के साथ गणेश की पूजा क्यों की जाती है
एक बार भगवान विष्णु ने लक्ष्मी जी से कहा कि कोई भी नारी जब पूर्ण होती है जब उसकी कोई संतान हो परंतु लक्ष्मी जी के कोई भी संतान नहीं थी इसके बाद मां लक्ष्मी पार्वती के पास मदद के लिए गई माता पार्वती के 2 पुत्र थे कार्तिकेय और गणेश जी जब लक्ष्मी जी ने माता पार्वती से मदद मांगी तो माता पार्वती ने अपना एक पुत्र गणेश लक्ष्मी जी को सौंप दिया माता पार्वती ने लक्ष्मी जी से कहा आज से गणेश मेरा और तुम्हारा दोनों का ही पुत्र है माता पार्वती यह अच्छे से जानती थी कि मां लक्ष्मी एक जगह स्थिर नहीं रह सकती इसके बाद मां लक्ष्मी ने माता पार्वती से यह वादा किया कि वह गणपति का अच्छे से ख्याल रखेगी जब मेरी पूजा होगी तब गणपति का भी पूजन मेरे साथ होगा इसके बाद ही मेरी पूजा संपूर्ण समझी जाएगी यही कारण है कि मां लक्ष्मी के साथ उनके पुत्र गणेश की भी पूजा होती है | दीपावली क्यों मनाई जाती है इसका महत्व |