क्या है Fat Burner? यह कैसे काम करता है?

क्या है Fat Burner? यह कैसे काम करता है?

जैसे की नाम से ही पता लग रहा है की यह सप्लिमेंट फैट कम करने से रिलेटेड है। जी हाँ इसका काम बॉडी मे जमा फैट को कम करने के लिए ही इस्तेमाल किया जाता है। इसका इस्तेमाल से आपको वजन और फैट कम करने मे आसानी हो जाती है। इसका इस्तेमाल बॉडीबिल्डर भी करते है जिससे की वो अपने बॉडी से फैट रिमूव करके अपनी मसल को अच्छी तरह से दिखा सके।

नाम से तो पता लग गया की फैट बर्न करने वाले इस सप्लिमेंट का क्या काम है लेकिन क्या इसको लेना सही है और यह कैसे काम करता है और इसके कोई साइड इफैक्ट है या नही। और इसको किस प्रकार लेना होता है जिससे के आपको अच्छे से अच्छे परिणाम मिल सके। क्योकि किसी चीज को लेना का एक तरीका होता है। यह नही की उठाया और कुछ भी अपने गले मे उड़ेल लिया।

 

कैसे काम करता है Fat Burner?

फैट बर्नर हमारे फैट बर्न करने वाले सेल्स को एक्टिवेट करके उनको स्पीड उप कर देता है। यह बॉडी के मेटाबोलिस्म को बढ़ावा देता है जिसकी वजह से आपको फैट बर्न करने मे मदद मिलती है। ज़्यादातर फैट बर्नर मे Caffeine का इस्तेमाल किया जाता है जो की Redbull कॉफी और कोक जैसे प्रॉडक्ट मे इस्तेमाल किया जाता है।

जो लोग Dieting करते है वो Caffeine की मात्रा को ज्यादा रखते है जिससे की उन्हे सुस्ती महसूस न हो और उनको एनर्जि भी बूस्ट रहे और इसके साथ साथ मेटाबोलिस्म भी बढ़ जाता है। और इसी प्रकार फैट बर्नर काम करता है।

फैट बर्नर के प्रकार:-

यहाँ पर हम आपको 9 प्रकार के फैट बर्नर बता रहे।

  • Thermogenic:-

    यह एक साधारण प्रॉडक्ट है जो की आपको लीन बॉडी बनाने मे हेल्प करता है। इस प्रकार के फैट बर्नर मे Caffeine की मात्रा पायी जाती है। यह बॉडी के स्ट्रेन्थ लेवेल को इंक्रीज़ करता है एनर्जि बूस्ट करता है और आपकी भूख को कम कर देता है।

  • Lipolytic Agent:-

    Liposyis एक प्रोसैस है जिसमे आपकी फैट सेल्स से फैट को रिलीस करने लागती है। और इसके साथ यह एनर्जि देता है। फैट रिलीस होने के बाद सेल छोटी हो जाती है और ज्यादा लीन दिखने लगते है। CLA, योहिम्बीन, फोर्सकोलीन और Hydroxycitric जैसे घटक इस प्रोसैस को बढ़ा देते है।

  • Fat Transporters:-

    सिर्फ फैट हटाने से कोई फायदा नही जब तक आपकी बॉडी उस फैट को एनर्जि की तरह बर्न ना करे और यह खून मे रह जाये तो वापिस आपके बॉडी मे फैट की तरह स्टोर हो जाता है। इसीलिए Carnitine सप्लिमेंट लिया जाता है जो की एक फैट transporters है।
    जो की फैट को mitochondria सेल तक पहुंचाने का काम करता है और mitochondria को पावर हाउस भी कहा जाता है जो की फैट को एनर्जि मे तब्दील करने का काम करती है।

  • Thyroid Simulators:-

    थ्यरोइड ग्लैंड हमारी बॉडी मे बहुत ही बड़ा रोल अदा करती है। थ्यरोइड हॉर्मोन्स हमारे शरीर मे मेटब्लोइस्म को कंट्रोल भी करता है।  थ्यरोइड को बढ़ाने के लिए बकोपा मोननीरा और फोर्सकोलीन घटक का इस्तेमाल किया जाता है।

  • Insulin Control:-

    जब आप हैवि कर्ब डाइट लेते है तब इंसुलिन लेवेल इंक्रीज़ हो जाता है। जो की फैट बर्निंग प्रोसैस को कम कर देता है। और बॉडी मे फैट इक्कठा होने लगता है। इसके लिए आप लो कर्ब डाइट का इस्तेमाल कर सकते है ।

  • अगर आप यह नही कर सकते है तो आप अंटीओक्सीडेंट अल्फा लिओपिक एसिड, cinnamon Extract,चोरमिउम    और evodiamine जैसे घटक वाले प्रॉडक्ट इस्तेमाल कर सकते है जो की इंसुलिन को कम रखने मे मदद करते है
  • Appetite Suppressants:-

    जब आप dieting शुरू करते है और आप unhealthy फूड छोड़ते है और आप जरूरत से ज्यादा कलोरीस लेना बंद कर देता है। तब आपको भूख के दर्द से गुजरना पड़ता है इसके लिए आप कोई भी हरी सब्जियाँ ले सकते है

  • या Glucomannon, Phenyethylamine, simmondsin और 5एचटीपी जैसे प्रॉडक्ट का इस्तेमाल कर सकते जिससे आप ओवरइटिंग को कंट्रोल कर सकते है।
  • Mood And Brain Bossters:-

    जब आप लीन बॉडी बनाने के लिए सिरियस हो जाते है तब कुछ समस्या सामने आती है उन मे से सबसे साधारण है मूड का स्विंग होना। आपका एक्सरसाइज़ करने का मन नही करता है।

    और यह हर एक साथ होता है तो इसके लिए भी एक प्रॉडक्ट मार्केट मे मिलता है Caffeine, Phenyethylamine जो की मूड स्विंग से बचाने के साथ साथ आपकी फैट बर्न करने मे भी मदद करते है।

  • Diuretics:-

    अगर आपके बॉडी का फैट पर्सेंटेज 10 से कम है तो सबसे बढ़िया है। लेकिन अगर आपकी स्किन मे पानी की मात्रा ज्यादा है तो आपकी मसल की डीटेल उतनी नही दिख पाती है जितनी के बॉडीबिल्डर और मॉडल की दिखती है।

    लेकिन स्किन मे पानी की मात्रा कम होना नूकसानदेह है यह सिर्फ उसी वीक मे इस्तेमाल करना चाहिए। जब आपका फोटोशूट हो या आप बीच पर जा रहे हो। इसके कुछ नैचुरल फोर्मूले है जिसे आप इसेमाल कर सकते है जैसे के Dandelion Extract, Uva Ursi और Horsetail Extract जैसे प्रॉडक्ट आप इस्तेमाल कर सकते है।

  • Carb And Fat Blocker:-

    इस तरह के प्रॉडक्ट बॉडी मे कर्ब और फैट को अब्सॉर्ब करने से रोकते है।जैसा की नाम से ही पता लग रहा है। और इसके साथ साथ जो nutrition शरीर के लिए जरूरी नही है उनको भी रोकता है। इसके लिए White Kidney Bean Extract के प्रॉडक्ट आते है जो की आपको इसके लिए हेल्प कर सकते है।

फैट बर्नर के साइड इफैक्ट Side effects of fat burners in Hindi –

  • इस मे caffeine की मात्रा होती है तो आप इसका ज्यादा इस्तेमाल न करे।
    प्रोपर और अच्छे कोच की गाइड ले कर ही इसका इस्तेमाल करे।
  • फैट बर्नर से ओवरहीट की समस्या हो सकती है क्योकि है यह बॉडी मे हीट बढ़ा देता है.
    जिससे की आपकी कलोरीज ज्यादा से ज्यादा बर्न हो सके।
  • इसके कुछ नेगेटिव हार्ट इफैक्ट भी तो इसका इस्तेमाल करने से पहले आप डॉक्टर से जरूर बात कर ले।
  • कर्ब blocker जैसे प्रॉडक्ट से गैस और लो ब्लड शुगर की प्रोब्लेम हो सकती है।
  • Diuretics प्रॉडक्ट जिनको हार्ट की प्रोब्लेम है उनको नही लेना चाहिए। और जिनको नमक से प्रॉबलम हो।

फैट बर्नर लेने का सही टाइम Right time to take fat burner in Hindi – 

  • अगर आप Tharmogenic फैट बर्नर का इस्तेमाल कर रहे है तो इसको खाने से 30 से 40 मिनट पहले ले।
  • अगर आपके पास Lipolytic फैट बर्नर है तो आप इसे एक्सरसाइज़ से पहले लेना जरूरी है।
  • जिन प्रॉडक्ट मे caffeine की मात्रा है उनको आप खाने से पहले या एक्सरसाइज़ से पहले ले सकते है।
  • Insulin Control और Carb And Fat Blocker कोआप खाना खाने के बाद लेना है।
  • Diuretics को आप अपने ब्रेकफ़ास्ट खत्म होने के बाद और दूसरी डोज करीबन 5 बजे के लगभग ले।
  • Thyroid Simulators सप्लिमेंट को आप एक्सरसाइज़ से पहले ले सकते है।

तो यह छोटी सी जानकारी थी फैट बर्नर के बारे मे। इसके अलावा आपका कोई सवाल है तो आप हमे कमेंट करके या हमारे फ़ेसबूक पेज पर पुछ सकते है।

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