शहीद दिवस क्यों मनाते

शहीद दिवस क्यों मनाते शहीद दिवस कब कब मनाया जाता है प्रमुख शहीदी दिवस

शहीद दिवस कब क्यों मनाते है 

शहीद का अर्थ होता है- जब कोई व्यक्ति अपने राष्ट्र के लिए अपने प्राणों की आहुति देता है तो उसे शहीद बोला जाता है शहीदी दिवस पर शहीदों को सम्मान पूर्वक श्रद्धांजलि दी जाती है और उनके द्वारा किए गए अच्छे कार्यों को समाज के सामने दोहराया जाता है शहीदी दिवस पर बच्चों को स्वतंत्रता सेनानियों के बारे में बताया जाता है

शहीदी दिवस पर उन महान शूरवीरो को याद किया जाता है और उन्हें धन्यवाद कहा जाता है क्योंकि उन्हें की वजह से आज हम खुले आसमान के नीचे सांस ले रहे हैं अपनी आजादी की जिंदगी जी रहे हैं

यदि उस समय उन लोगों ने क्रांतिकारी कार्य नहीं किए होते तो आज हम ब्रिटिश शासन के गुलाम होते हमें उन शहीदों को हमेशा याद रखना चाहिए और उनकी छवि हमारे दिल में हमेशा बनी रहनी चाहिए | शहीद दिवस क्यों मनाते |

शहीद दिवस कब कब मनाया जाता है

1. 30 जनवरी– 30 जनवरी को भी शहीद दिवस मनाया जाता है क्योंकि इस दिन नाथूराम गोडसे ने महात्मा गांधी की गोली मारकर हत्या कर दी थी 

2. 14 फरवरी– 14 फरवरी जिसे पुलवामा शहीद दिवस कहा जाता है इस दिन जम्मू कश्मीर के पुलवामा में आतंकवादियों द्वारा एक कायराना हरकत की गई और हमारे देश के जवान थे वह शहीद हुए थे पुलवामा शहीद दिवस क्या है जम्मू कश्मीर के पुलवामा में 14 फरवरी को केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल के 2500 से अधिक कर्मी 78 वाहनों के काफिले में जा रहे थे

जम्मू-कश्मीर राजमार्ग पर अवंतीपोरा इलाके में लाटू मोड़ पर इस काफिले पर 3:30 बजे घात लगाकर हमला किया गया सीआरपीएफ के 39 जवान शहीद हो गए 2019 में यह हमला हुआ था और 2020 से पुलवामा शहीद दिवस के रूप में मनाया जाने लगा

3. 23 मार्च–  23 मार्च को भगत सिंह, राजगुरु, सुखदेव को फांसी दी गई थी असेंबली में बम फेंकने की वजह से लाहौर षड्यंत्र हुआ जिसके कारण इन्हें फांसी दी गई थी  इन्हें की याद में 23 मार्च को शहीद दिवस मनाया जाता है लाहौर षड्यंत्र में साइमन कमीशन का लाला लाजपत राय द्वारा विरोध किया गया था इनके साथ में कई क्रांतिकारियों ने भी साइमन कमीशन का विरोध किया इसके बाद जो ब्रिटिश अधिकारी था | शहीद दिवस क्यों मनाते |

उन्होंने लाठीचार्ज का आदेश दे दिया था जिसमें लाला लाजपतराय घायल हो गए थे 17 नवंबर 1928 को लाला लाजपत राय की मृत्यु हो गई थी इसके बाद लाला लाजपत राय की मृत्यु का बदला लेने के लिए भगत सिंह, राजगुरु और सुखदेव ने सांडर्स को मारने की योजना बनाई जिसे लाहौर षड्यंत्र कहा जाता है 23 मार्च 1931 को इन्हें फांसी दी गई थी 

4. 21 अक्टूबर– 21 अक्टूबर 1959 में लद्दाख में एक पुलिस टुकड़ी मातृभूमि की रक्षा करते हुए शहीद हो गए थे तब से प्रतिवर्ष दिवंगत  शूरवीरो की स्मृति में पुलिस दिवस मनाया जाता है | शहीद दिवस कब क्यों मनाते |

5. 17 नवंबर-17 नवंबर 1928 को लाला लाजपत राय की मृत्यु हुई थी इस कारण भी शहीदी दिवस मनाया जाता है

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